हल्द्वानी: पिता को लगा Busineesman, बेटे ठगी के 'धन' से बरसा रहे थे 'लक्ष्मी'

हल्द्वानी, अमृत विचार। पिता को लगा बेटे बड़े बिजनेसमैन हैं, इसीलिए घर पर धन बरस रहा है, लेकिन जब पुलिस घर पहुंची तो पिता माथा पकड़ कर बैठ गया। क्योंकि उसके बेटे बिजनेसमैन नहीं बल्कि शातिर ठग थे। इन शातिर ठगों ने धनलक्ष्मी इंटरप्राइजेज के नाम से क्षेत्र में लाखों की ठगी की।
पुलिस और एसओजी ने चार ठगों में से सरगना व उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया। जबकि दो की तलाश जारी है। एसएसपी ने टीम को ढाई हजार रुपये का इनाम दिया है।
पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि गाजियाबाद निवासी राज चौधरी उर्फ अंकुश गुप्ता निवासी राजनगर एक्टैन्शन गाजियाबाद उत्तर प्रदेश ने करीब 6 माह पूर्व मुखानी के लालडांठ स्थित संतोषी माता मंदिर के पीछे एक कॉप्लैक्स में धनलक्ष्मी इंटरप्राइजेज नाम से दफ्तर खोला।
लोगों को 15-15 सौ रुपये लेकर एजेंट बनाया और बदले में उन्हें सजावटी सामान बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराया। भरोसा दिया कि लाभ में सभी की हिस्सेदारी होगी। दफ्तर में उसने 1000-1000 प्रतिदिन के हिसाब से दो कारें लगवाईं। दूसरे दुकानदारों से एसी, लैपटॉप, गीजर, चिमनी आदि खरीदा और बदले में चेक दे दिया।
बीती 9 सितंबर को अंकुश ने सारा माल समेटा और दफ्तर में ताला लगाकर फरार हो गया। जिसके बाद अंकुश और अन्य तीन साथियों के खिलाफ मुखानी थाने में तीन मुकदमे दर्ज किए गए।
बताया जा रहा है कि तलाशी में निकली टीम गाजियाबाद पहुंची तो पाया कि जालसाजों ने ठगा गया माल अपने घर में लगा लिया। इनके पिता को लग रहा था कि बेटे बड़ा बिजनेस कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में अंकुश के साथ गाजियाबाद निवासी विनीत कुमार उर्फ योगेश पुत्र विजयपाल को गिरफ्तार किया है।
योगेश अंकुश के साथ बतौर चालक काम करता था। मामले में पुलिस दीपक और सुशील कुमार उर्फ धन सिंह की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। पुलिस टीम में एसआई सुनील गोस्वामी, एसआई फिरोज आलम, एसओजी प्रभारी राजवीर सिंह, हे.कां. त्रिलोक रौतेला, कां. चन्दन नेगी, उमेश राणा, दिनेश नगरकोटी, भानु प्रताप जोशी, अशोक रावत व अनिल गिरी थे।