लंपी वायरस : पशुओं को बेचने और बाहर से लाने और ले जाने पर रोक

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Published By Vishal Singh
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डीएम ने जारी किया आदेश, पशु मेला भी नहीं लगाने को कहा

बरेली, अमृत विचार। पशुओं के लिए जानलेवा बीमारी लंपी वायरस का प्रकोप कई जिलों में तेजी से बढ़ा रहा है। शासन के निर्देश पर डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है। पशुओं को बेचने, एक से दूसरे जिले में लाने और ले जाने पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाने के साथ पशु बाजार और मेला न लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, बीमारी की रोकथाम और निगरानी के लिए तहसील स्तर पर टीम गठित की गई है।

सीवीओ डाॅ. मेघश्याम ने बताया कि पिछले साल कई राज्यों में लंपी वायरस का प्रकोप रहा था। दुधारू पशुओं की इस वायरस की चपेट में आकर मौत हुई थी। अब प्रदेश में एक बार फिर मामले बढ़ रहे हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने जिलों के अफसरों के साथ ऑनलाइन बैठक कर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। बताया कि टीकाकरण के लिए जिले में ढाई लाख पशुओं के सापेक्ष अब तक 52 हजार डोज मिल चुकी है, जो पशुओं को लगा दी गई है। रिजर्व में करीब दो हजार डोज बाकी है। शेष वैक्सीन के लिए निदेशक पशुपालन को पत्र भेजा है। जिले में अभी तक लंपी का एक भी केस रिकार्ड नहीं हुआ है। जबकि पिछले साल 525 मामले सामने आए थे। इनमें छह पशुओं की मौत हो गई थी।

पहले पशुओं की जांच फिर गोशाला में प्रवेश
लंपी वायरस से बचाव के लिए कान्हा गोशाला में व्यवस्थाएं और बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं। सीवीओ ने बताया कि पहले पशुओं की जांच की जाएगी फिर उन्हें कान्हा गोशाला में लिया जाएगा। अब तक गोशालाओं में संरक्षित 10 हजार गोवंशीय पशुओं को टीका लगाया जा चुका है।

लंपी वायरस की ऐसे करें पहचान
सीवीओ ने बताया कि लंपी खतरनाक वायरस है, जो गाय-भैंसों में होता है। इसमें संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है। इसके अलावा चेहरे, गर्दन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं। पैरों में सूजन, लंगड़ापन आ जाता है। दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता कम हो जाती है। कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है। ये दूषित पानी लार और चारे के माध्यम से भी फैलता है।

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