‘मार्केटिंग’ क्षेत्र के 75 प्रतिशत पेशेवर AI को मानते हैं रचनात्मक टूलकिट का हिस्सा : अध्ययन

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

नई दिल्ली। भारत में 75 प्रतिशत विपणन (मार्केटिंग) और रचनात्मक (क्रिएटिव) क्षेत्र के पेशेवर कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनी ‘टूलकिट’ का एक अनिवार्य हिस्सा मानते हैं। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

कैन्वा की ओर से किए गए अध्ययन में बताया गया है कि कार्यस्थल पर विपणनकर्ता रचनात्मकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए कैसे एआई को अपना रहे हैं। अध्ययन में शामिल 10 में से सात लोगों ने कहा कि एआई से उनके दल की रचनात्मकता बेहतर हुई है। 

लगभग 72 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि एआई की वजह से हर सप्ताह उनका दो से तीन घंटे का समय बच रहा है। कैन्वा की ब्रांड विपणन प्रमुख नैटली श्वार्ट्ज ने कहा, “हमारे निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि एआई-संचालित उपकरण विपणनकर्ताओं के लिए रचनात्मकता और उत्पादकता में एक नई जान डाल रहे हैं।

भारत में इस क्षेत्र में एआई की स्वीकार्यता बहुत ज्यादा है।” इस अध्ययन में भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, ब्राजील, मेक्सिको और ऑस्ट्रेलिया के लगभग 4,500 लोगों को शामिल किया गया था। 

यह भी पढ़ें- ITI ने मार्केट में उतारा अपना लैपटॉप, माइक्रो पर्सनल कंप्यूटर