हल्द्वानी: दमुवाढूंगा में भूमिधरी अधिकार मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब

हल्द्वानी: दमुवाढूंगा में भूमिधरी अधिकार मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब

हल्द्वानी, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने दमुवादुंगा वासियों को मालिकाना हक देने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में नगर निगम हल्द्वानी को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं। 

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया निवासी पॉलीसीट ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दमुवाढूंगावासियों को मालिकाना हक देने की मांग की थी। बल्यूटिया ने बताया कि हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में बताया कि गया जवाहर ज्योति दमुवादूंगा 650 एकड़ में फैला हुआ है। यहां 7 हजार से अधिक परिवार रहते हैं।

6 जुलाई 1969 को यहां ग्राम पंचायत का गठन हुआ। उस समय यह क्षेत्र आरक्षित वन श्रेणी में आता था इस कारण बंदोबस्ती नहीं हो सकी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में 30 दिसंबर 2015 को इस क्षेत्र को आरक्षित वन से अनारक्षित भूमि में परिवर्तित किया गया। 15 दिसंबर 2016 को राज्यपाल ने पृथक राजस्व ग्राम बनाने की स्वीकृति दी।

26 दिसंबर 2016 को राज्यपाल के आदेश में इस क्षेत्र के अवैध कबजेदारों को विहित प्रक्रिया से उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 131 के अंतर्गत भूमिधर घोषित किए जाने का आदेश दिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901 की धारा 48 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जवाहर ज्योति दमुवादूंगा को सर्वेक्षण एवं अभिलेख क्रियाओं के अधीन किया गया।

अर्थात भूमि संबंधी अभिलेख तैयार करने के लिए बंदोबस्ती का प्रावधान हुआ। इधर, भाजपा ने  सरकार में आने के बाद बिना किसी वैध कारण के बंदोबस्ती शुरू होने से पूर्व ही 13 मई 2020 की अधिसूचना से संपूर्ण कार्रवाई पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायमूर्ति न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने राजस्व विभाग के सचिव से इस संबंध में चार हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

साथ ही याचिकाकर्ता बल्यूटिया को इस प्रकरण में नगर निगम हल्द्वानी को भी पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा। बल्यूटिया ने कहा कि हाईकोर्ट के इस निर्देशों के बाद जवाहर ज्योति दमुवादुंगा में रह रहे हजारों लोगों को भूमिधरी का अधिकार मिलने की आस जगी है।