गोंडा: संसद के विशेष सत्र में 'रामचरितमानस' को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की माँग
गोंडा, अमृत विचार। लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के शोध निदेशक एवं हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तुलसी कृत रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ व हिन्दी को राष्ट्र भाषा घोषित का अनुरोध किया है। पीएम को लिखे पत्र में शोध निदेशक मिश्र ने कहा है कि न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में बन रहे भव्य श्री रामजन्म भूमि मंदिर से राष्ट्रीय गौरव बढ़ेगा।
उन्होंने कि नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ सनातन धर्म के सभी सार तत्व का समन्वय करने वाले गोस्वामी तुलसीदास के ग्रंथ रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए। पत्र में उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि आजादी के 75 साल बाद भी हिन्दी को राष्ट्र भाषा न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने संसद के विशेष सत्र में हिन्दी को राष्ट्र भाषा व मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर राष्ट्र की अधूरे संकल्प को पूरा करने का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है।
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