हल्द्वानी: जल जीवन मिशन कैसे चढ़ेगा परवान, जब 4 साल में हुआ सिर्फ 15% काम
पवन नेगी, हल्द्वानी, अमृत विचार। इसे तंत्र की काहिली कहें या लापरवाही... राज्य की योजनाएं तो छोड़िए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल और नल में जल भी समय से पूरी होती नहीं दिख रही है। इस योजना में हल्द्वानी में चार सालों में महज 15 फीसदी ही काम हुआ है।
जबकि इस योजना को मार्च 2024 में पूरा होना था। इस योजना को निर्धारित समय में महज 7 माह बाकी हैं, ऐसे में यह जल जीवन मिशन समय से पूरा होता नहीं दिख रहा है। यह हाल तब है जब खुद संबंधित विभाग ने बड़े जोर शोर से इस योजना को दिसंबर-2023 तक पूरा होने का दावा ठोंका था।
जल जीवन मिशन योजना में हल्द्वानी डिवीजन के अंतर्गत 140 करोड़ रुपये के बजट से 133 गांवो में 58 योजनाओं पर काम होना है। जिसमें ट्यूबवेल और ओवरहेड टैंक बनाने के साथ ही पाइपलाइन बिछाई जानी है। 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन योजना की शुरूआत हुई थी। योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्र के साथ ही दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रत्येक घर को पानी उपलब्ध कराना है। जिसमें जल संस्थान और जल निगम संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। जल संस्थान के हल्द्वानी डिवीजन की बात करें तो यहां की 58 योजनाओं में अभी तक केवल चार योजनाओं में काम पूरा हो पाया है।
जिसमें हल्द्वानी ब्लॉक की 24 योजनाओं में केवल 1 और जबकि कोटाबाग की 34 योजनाओं में केवल 3 योजनाएं पूरी हुई हैं। हल्द्वानी ब्लॉक में 80 करोड़ रुपये जबकि कोटाबाग में 60 करोड़ रुपये से काम पूरा किया जाना है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि बाकी योजनाओं के लिए निविदाएं जारी हैं।
अब तक 58 योजनाओं में लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। बाकी योजनाओं के लिए टेंडर जारी हो गए हैं। अधिकांश योजनाओं में काम शुरू किया जा चुका है। तीन छोटी योजनाओं में काम पूरा होने की कगार पर है जिसमें कोटाबाग के परेवा में 55.65 लाख रुपये, पातली में 24.03 लाख रुपये जबकि गोरियादेव में 27.37 लाख रुपये से काम किया जा रहा है।
-आरएस विश्वकर्मा, जल जीवन मिशन के नोडल अधिकारी
4 साल में चार सबसे बड़ी योजनाओं में नहीं हुआ काम पूरा
1.खुशालपुर में 4.99 करोड़ रुपये से 5 गांवों में ट्यूबवेल और लाइन बिछाने की योजना है। इससे 3 हजार की आबादी को लाभ मिलेगा। इसमें अभी तक केवल बोरिंग हुई है।
2.रामपुर-लामाचौड़ में 4.88 करोड़ रुपये की योजना से 7 गांवों की लगभग 5 हजार की आबादी को पानी मिलेगा। इसमें अभी योजना प्राथमिक स्तर पर ही है।
3.हिम्मतपुर बैजनाथ में 4.08 करोड़ रुपये से ओवरहेड टैंक और पाइपलाइन बिछानी है। इसमें ओवरहेड टैंक का काम पूरा होने वाला है। जबकि पाइपलाइन बिछाने का काम लंबित है।
4.कोटाबाग के रतनपुर रामपुर में 4.9 करोड़ रुपये की योजना से 8 गांवों की लगभग 5 हजार की आबादी को पानी देने के लिए ट्यूबवेल बनाने और पाइपलाइन बिछाना है।
कोविड-19 की वजह से लटकीं योजनाएं
जल जीवन मिशन की सभी योजनाओं में औसतन 15 प्रतिशत काम ही हो पाया है। दरअसल, वर्ष 2019 में योजना शुरू हुई, वर्ष 2020 में हल्द्वानी डिवीजन में बेसलाइन सर्वे हुआ। वर्ष 2020-21 में कोविड के कारण काम नहीं हो पाया। वर्ष 2021 में डीपीआर बनाई गई, इसी में 1.5 साल से अधिक समय लग गया। वर्ष 2022 के सितंबर तक डीपीआर बनना पूरी हुई। इसके बाद योजनाओं पर काम शुरू हुआ। लेकिन तब से अब तक 1 साल बीतने पर भी किसी बड़ी योजना में काम पूरा नहीं हो पाया है। कहीं ट्यूबवेल नहीं बना, कुछ योजनाओं में ओवरहेड टैंक नहीं बना तो कहीं पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है। इस कारण एक भी योजना में काम पूरा नहीं हो पाया है।
