G 20 आमंत्रण विवाद पर भाकपा माले ने कहा- नोटबंदी के बाद मोदी सरकार नामबंदी की ओर अग्रसर

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Published By Om Parkash chaubey
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पटना। भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने जी 20 आमंत्रण विवाद को लेकर मंगलवार को दावा किया कि नोटबंदी के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नामबंदी की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री पर ‘‘हिटलर और तुगलक का मिश्रण’’ होने का आरोप लगाते हुए भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मोदी भारत को लोकतंत्र की जननी होने की बात करते थे लेकिन उनका शासन ‘‘निरंकुशता की प्रयोगशाला’’ रहा है।

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यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भट्टाचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा विपक्षी गठबंधन के लगातार मजबूत होने से परेशान है और इसकी झलक नोटबंदी के बाद अब नामबंदी की साजिश में मिल रही है। उन्होंने जी 20 की बैठक को लेकर राष्ट्रपति को भेजे गए एक आमंत्रण पत्र की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘देश का संविधान साफ कहता है :इंडिया दैट इज- भारत।

लेकिन अब ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से पत्र जारी किए जा रहे हैं। देश का नाम बदलने का यह ‘‘पागलपन’’ हमें हंसी का पात्र बनाएगा। मोदी शासन अराजकता और आपदा का निर्बाध शासन रहा है। इंडिया अर्थात् भारत को इस विपत्तिपूर्ण शासन से हर हाल में बचाना होगा।’’

भट्टाचार्य ने एक देश, एक चुनाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक समिति बनाए जाने की आलोचना करते हुए आरोप लगाया, ‘‘एक देश, एक चुनाव, का नारा चुनाव मुक्त भारत की ओर ले जाने वाली राह है। यह लोकतंत्र के साथ मजाक है। आनन-फानन में एक समिति बना दी गई जिसमें विपक्ष के एक नेता को भी शामिल नहीं किया गया। संसद का विशेष सत्र भी बिना विचार-विमर्श के बुला लिया गया है।

विधि आयोग और कई अन्य विशेषज्ञों की राय में यह एक जटिल मसला है जिसमें काफी संविधान संशोधन करना पड़ेगा। दरअसल यह संविधान की बुनियाद के खिलाफ है। भाजपा चुनावों में खर्च का हवाला दे रही है लेकिन सबसे ज्यादा खर्चा तो भाजपा ही करती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक देश एक चुनाव का मॉडल कश्मीर का मॉडल है।

विगत पांच सालों से कश्मीर में चुनाव ही नहीं हुआ। आज हम देख रहे हैं कि भाजपा राज्यों में लगातार चुनाव हार रही है। वह किसी भी तरीके से चुनाव जीतना चाहती है।’’ भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली समिति से संकेत मिलता है कि सरकार अब देश पर एक राष्ट्र एक चुनाव थोपना चाहती है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ’’बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण जनता में जबरदस्त गुस्सा है।

नरेंद्र मोदी हिटलर और तुगलक का मिश्रण हैं। वह भारत को लोकतंत्र की जननी होने की बात करते हैं लेकिन उनका शासन निरंकुशता की प्रयोगशाला रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में लोग मौजूदा सरकार को दंडित करेंगे जो एक राष्ट्र एक चुनाव की बात करती है। इसके द्वारा वह ऐसी स्थिति हासिल करना चाहती है जहां चुनाव ही न हो।

आख़िरकार यह चुनाव ही है जिसने एलपीजी की कीमतों को 800 रुपये प्रति सिलेंडर तक बढ़ाने के बाद 200 रुपये की कटौती की घोषणा करने के लिए मजबूर किया है।’’ भट्टाचार्य ममता बनर्जी और नीतीश कुमार जैसे सहयोगियों द्वारा व्यक्त की गई राय से सहमत थे कि भाजपा समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है और उन सीटों के संबंध में राजद प्रमुख लालू प्रसाद को अपना प्रस्ताव दिया है जिन पर हम चुनाव लड़ना चाहते हैं। हम इस समय विवरण का खुलासा नहीं करेंगे। ’’ उन्होंने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि वह बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से आठ की मांग कर रहे थे । 

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