Mahoba व Chitrakoot में अधिवक्ताओं ने फूंके मुख्य सचिव और डीजीपी के पुतले, हापुड़ पुलिस मुर्दाबाद के लगाए नारे
महोबा व चित्रकूट में अधिवक्ताओं ने फूंके मुख्य सचिव और डीजीपी के पुतले।
महोबा व चित्रकूट में अधिवक्ताओं ने मुख्य सचिव और डीजीपी के पुतले फूंक कर विरोध जताया। अधिवक्ताओं ने हापुड़ पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए।
कानपुर टीम, अमृत विचार। महोबा व चित्रकूट में अधिवक्ताओं ने मुख्य सचिव और डीजीपी के पुतले फूंक कर विरोध जताया। अधिवक्ताओं ने हापुड़ पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए।
चित्रकूट में अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
हापुड़ पुलिस-प्रशासन के खिलाफ अधिवक्ताओं की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने मुख्य सचिव और डीजीपी के पुतला फूंक दिए। इस दौरान हापुड़ पुलिस मुर्दाबाद, अधिवक्ता संघ जिंदाबाद के नारों से कचहरी परिसर गूंज उठा।
जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष सत्यहरन यादव ने कहा कि अधिवक्ताओं के मान सम्मान से खिलवाड़ करने वालों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। महासचिव मान सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर पुतला दहन कर विरोध प्रकट किया गया है।
एडवोकेट काउंसिल के जिला प्रभारी रामप्रकाश पांडेय एडवोकेट ने बताया कि उच्च न्यायालय प्रयागराज के मुख्य न्यायाधीश ने भी इस मामले का संज्ञान लेकर आदेश जारी किए हैं। अधिवक्ताओं ने बेंच का आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मिश्रा ने कहा कि अधिवक्ता सुरक्षा कानून जब तक लागू नहीं होता, तमाम प्रकार की साजिशें होती रहेंगी।
प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द यह फैसला लेना चाहिए। इससे पूर्व अधिवक्ताओं का हुजूम कचहरी प्रथम गेट से होते हुए जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय तक पहुंचा, जहां पुतले दहन किए। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता गयाप्रसाद द्विवेदी, अमित यादव, रवि मिश्रा, सुरेंद्र पयासी, रामकृष्ण सोनी, मनमोहन चतुर्वेदी, अरुण टाइगर, कृष्ण कुमार मिश्र, विकास निगम, कुंवर रोहित सिंह, देवशरण मिश्र, शिवशंकर उपाध्याय, राजेश सिंह चौहान, कुशल पांडेय, राजेंद्र पटेल, धर्मराज सिंह पटेल, लक्ष्मण कुशवाहा, अनुराग सिंह पटेल, नीरू गुप्ता, दमयंती केशरवानी, जितेंद्र कुमार, त्रिभुवन सिंह यादव, नरेंद्र सिंह लल्ला, अनूप बघेल आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
भारी पुलिस बल रहा तैनात
अधिवक्ताओं के उग्र रूप को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। इस दौरान पुलिस अधिकारियों से पुतला दहन को लेकर हल्का विवाद भी हुआ। नगर क्षेत्राधिकारी हर्ष पांडेय, कोतवाली प्रभारी गुलाब त्रिपाठी आदि पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद रहे।
सदर विधायक ने दिया समर्थन
सदर विधायक अनिल प्रधान, जो जिला बार एसोसिएशन के सदस्य हैं, ने भी अधिवक्ताओं के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को हापुड़ में निहत्थे अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया है, जो निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे गैरजिम्मेदार जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई करते हुए इन्हें स्थानांतरित किया जाए। दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करते हुए कानूनी कार्यवाही की जाए। अधिवक्ताओं के विरुद्ध दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं और घायलों का इलाज कराते हुए उचित मुआवजा दिया जाए।
महोबा में अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन कर डीजीपी का पुतला फूंका
जनपद हापुड़ में अधिवक्ताओं के साथ पुलिस द्वारा की गई लाठी चार्ज और मारपीट के विरोध में अधिवक्ता समिति महोबा की आपात बैठक आहूत की गई। बैठक की अध्यक्ष बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष ईरेंद्र बाबू अनुरागी ने की। बैैठक में मौजूद सभी अधिवक्ताओं ने एक सुर से विराध प्रदर्शन कर न्यायिक कार्य से विरत रहने और ज्ञापन दिए जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर से बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने जुलूस निकाला जो पीपीएन चैराहा, रोडवेज तिराहा, आल्हा चैक होता हुआ तहसील परिसर पहुंचा, जहां पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार को सौंपा गया।
ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने बताया कि एक सप्ताह पहले हापुड़ के अधिवक्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे धरना प्रदर्शन दौरान हापुड़ पुलिस ने अधिवक्ताओं के साथ मारपीट कर लाठी चार्ज कर दिया, जिससे तमाम वकील चुटहिल हो गए, लेकिन सरकार द्वारा आज तक दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे सोमवार को अधिवक्ताओं ने हड़ताल कर विरोध जताया। हड़ताल के चलते न्यायिक कामकाज प्रभावित रहा। दूर दराज से मुकदमों की पैरवी करने आए वादकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।
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बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के जारी किए गए प्रस्ताव के अनुसार महोबा के अधिवक्ता 4, 5 और 6 सितंबर को लगातार तीन दिन तक हड़ताल पर रहेंगे। इसके बाद भी लाठी चार्ज करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो 5 सितंबर को मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व पुलिस महानिदेशक का पुतला फूंका जाएगा।
6 सितंबर को बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश की वर्चुअल मीटिंग होगी, उसमें जो निर्णय लिया जाएगा उस पर पुनः अधिवक्ताअ अमल करेंगे। ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता समिति के महामंत्री अरुण कुमार अरजरिया, कोषाध्यक्ष संजय सिंह, कुलदीप कुशवाहा, रामप्रकाश शुक्ला, केशव शुक्ला, सुभाष सैनी, इंद्रपाल यादव सहित तमाम अधिवक्ता शामिल रहे।
