शाहजहांपुर: जुनून और कर्तव्यनिष्ठा से हुआ समीक्षा का राज्य पुरस्कार के लिए चयन
शाहजहांपुर, अमृत विचार। शिक्षक दिवस पर मंगलवार (आज) को लखनऊ में होने वाले विशेष समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षिका समीक्षा सिंह को राज्य पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। राज्य पुरस्कार से सम्मानित होने वाली समीक्षा सिंह जिले की इकलौती शिक्षिका हैं। उन्हें यह सम्मान कर्तव्यनिष्ठा, लगन, अनुशासन, काम के प्रति ईमानदारी, शिक्षा के प्रति जुनून के लिए दिया जा रहा है।
समीक्षा सिंह नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अहमदपुरा में प्रधान अध्यापिका हैं। उनके पति विकास सिंह कुशवाहा नगर के ही एबी रिच इंटर कालेज (मिशन स्कूल) में प्रवक्ता हैं। हथौड़ा बुजुर्ग निवासी समीक्षा सिंह ने बताया कि उनकी नियुक्ति बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2009 में प्राथमिक स्कूल खुदागंज में हुई थी। इसके बाद उनका स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय निगोही में हो गया। वर्ष 2011 में उन्हें नगर क्षेत्र के स्कूल अहमदपुरा की जिम्मेदारी सौंप दी गई। वह बताती हैं कि जब उन्होंने अहमदपुरा स्कूल में कार्यभार ग्रहण किया, तब स्कूल की छात्र संख्या 150 के आसपास थी। बतौर सहायक अध्यापिका उन्होंने बच्चों और अभिभावकों में सबसे पहले विश्वास जीतने का काम किया।
इसके बाद धीरे-धीरे अभिभावकों का सहयोग मिलने लगा। एकल विद्यालय होने के कारण उनके ऊपर ही शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी है। समीक्षा बताती हैं कि वर्ष 2013 में पदोन्नति होने के बाद वह प्रधान अध्यापिका बन गईं, फिर और जिम्मेदारी का अहसास हुआ। वर्तमान में उनके स्कूल में 400 से अधिक बच्चों का नामांकन हो चुका है, यह उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी गौरव की बात है। अमृत विचार से खास बातचीत में समीक्षा ने बताया कि अभिभावकों और बच्चों के सहयोग से ही वह अकेले विद्यालय संचालित कर पा रही हैं, जो भी समस्या सामने आती है, अभिभावकों से बातचीत कर उसका समाधान कर लिया जाता है। विद्यालय में अनुशासन और अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए उन्होंने छात्र संसद का गठन करना शुरू कराया, जिसमें बच्चों को तमाम प्रकार के दायित्व सौंपकर उनसे सहयोग लिया जाता है।
समीक्षा सिंह राज्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर बहुत उत्साहित और खुश हैं। वह कहती हैं, कि यह अकेले उनका सम्मान नहीं है, बल्कि उन सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का है, जो खासतौर पर एकल विद्यालय संचालित कर रहे हैं और बच्चों को शिक्षित कर अपने शिक्षक धर्म का पालन कर रहे हैं। वह कहती हैं कि बचपन से सुनते आए हैं कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। इस कहावत को उन्होंने झुठला दिया है। अगर अपने अंदर ईमानदारी, काम के प्रति जुनून, लगन हो, तो अकेले भी बहुत कुछ किया जा सकता है। राज्य पुरस्कार के लिए चयन होने पर समीक्षा सिंह ने विभाग और प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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