हल्द्वानी: घोर लापरवाही - नर्स ने जिस मरीज को बताया मृत वो निकला जिंदा...
हल्द्वानी, अमृत विचार। कुमाऊं का सबसे बड़े अस्पताल डा.सुशीला तिवारी अपने कारनामों के लिए हमेशा से सुर्खियों में रहता है। एक बार फिर यहां तैनात नर्स ने इसकी शान में एक और नगीना जड़ दिया है।
कारनामा भी ऐसा की यहां अस्पताल में भर्ती अस्थमा के मरीज को चिकित्सालय के स्टाफ ने मृत घोषित कर दिया जबकि वह ठीक था..लेकिन मौत की खबर आग की तरह रिश्तेदारों के बीच फैल गई... इस बीच जब बेटे से मिल रिश्तेदारों ने सांत्वना जताई तो सब हक्के बक्के रह गए...क्योंकि तब पता चला जिसके दुनिया से रुखसत होने का मातम मना रहे थे वह तो जिंदा है...! इस खबर से रिश्तेदारों और परिजनों में कोहराम मच गया जिससे अस्पताल में काफी देर गहमा-गहमी का माहौल बन गया।
दरसअल, लामाचौड़ में रहने वाले एक बुजुर्ग को सांस की दिक्कत है, जिन्हें 3 सितंबर को डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, रविवार की रात्रि उनके रिश्तेदार उनका हाल-चाल पूछने जब अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में भर्ती मरीज के बारे में जानकारी ली तो स्टाफ नर्स ने मरीज की मौत हो जाने की जानकारी दी, जिस पर वह हक्के बक्के रह गए। उनसे मिलने आए रिश्तेदारों ने बताया कि मरीज की मौत की खबर सुनकर वह भी सदमे में आ गए।
इतने में मरीज का पुत्र भी अस्पताल में नजर आया तो रिश्तेदार उससे मिल शोक संवेदना व्यक्त करने लगे इधर ऐसा सुन मरीज का पुत्र भी हतप्रभ रह गया और इस बात को खारिज करते हुए उसने बताया कि पिताजी तो ठीक हैं एक दम स्वस्थ हैं...अब इधर इस बात से मरीज के रिश्तेदार नाराज हो गए उनका पारा सांतवे आसमान पर जा पहुंचा...उन्होंने चिकित्सा स्टॉफ पर झूठी जानकारी देने की बात कह तमाम सवाल खड़ा कर दिए...इधर प्राचार्य डा. अरुण जोशी से इस पूरे मामले की जानकारी ली तो उन्होंने साफ कह दिया कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है और अगर इस तरह की हरकत चिकित्सा स्टॉफ की तरफ से हुई तो वही रटा रटाया जवाब की हम जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे...सुनने का मिला।
नर्स सुपरिटेंडेट भी साफ मुकर गईं और पल्ला झाड़ लिया। इधर, मरीज के पुत्र की ओर से एक शिकायती पत्र चिकित्सा अधिक्षक कार्यालय को दिया है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई होगी या मामला खटाई में पड़ जाएगा ये आपको बताने की जरूरत नहीं क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है...
