गोंडा: ट्यूशन पढ़ाकर जुटाए पैसों से की कोचिंग, सिविल जज बनी रूपाली
एलएलबी आनर्स में गोल्डन मेडलिस्ट रहीं हैं रूपाली
गोंडा, अमृत विचार। जिले के फरेंदा शुक्ल गांव मजरे कंचनपुर की रहने वाली रूपाली के सफलता की कहानी सबसे अलग है। जीवन की तमाम दुश्वारियों से लड़ते हुए रूपाली सिविल जज बनी हैं। इंटर की पढ़ाई पूरी होने के बाद पिता का निधन हो गया, लेकिन रूपाली ने हार नहीं मानी और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला। इसी पैसे से कोचिंग की और सिविल जज बनीं।
जिले के रूपईडीह ब्लाक के फरेंदाशुक्ल के कंचनपुर गांव निवासी कमलेश तिवारी के पास मात्र तीन बीघे जमीन थी। खेती से घर का खर्च चलाना मुश्किल हुआ तो लखनऊ शहर में परचून की दुकान कर ली और बच्चों को पढ़ाने लगे। बिटिया ने बारहवीं पास की तो कमलेश का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद बच्चों ने हार नहीं मानी। परिवार में एक बड़ी बहन व एक भाई प्राइवेट जॉब करने लगे और रूपाली ने पढ़ाई के साथ ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया।
इसी ट्यूशन के पैसे से रूपाली ने पीसीएस जे की कोचिंग की और लॉ आनर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। पहली बार में पीसीएस जे की परीक्षा पास कर रूपाली ने बता दिया कि अगर आप अपने लक्ष्य पर अडिग हैं तो जीवन की दुश्वारियां आपके सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकतीं।
रूपाली अपने पहले ही प्रयास में पीसीएस जे की परीक्षा पास कर सिविल जज बनी हैं। गांव के बेटी का सफलता पर महिला प्रधान अन्नू देवी ने उसे माला पहनाकर बधाई दी तो समूचा गांव सोशल मीडिया पर बधाई दे रहा है। रूपाली ने बताया कि मां व बाप तथा गुरूजनों का सहयोग है कि वह इस मुकाम तक पहुंची। अगर उसके पिता आज होते तो कितना अच्छा होता। रूपाली ने बताया कि मेधावी छात्रा रही हैं तो गुरूजन फीस समय से न मिलने पर सहयोग कर देते थे। उसने छठवीं से दसवीं के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी कोचिंग का खर्च निकाला।
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