Britain: पत्नी अक्षता के इंफोसिस शेयरों के कारण PM ऋषि सुनक की बढ़ीं मुश्किलें, एफटीए मामले में किए जा सकते हैं सवाल

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Published By Bhawna
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लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भारत के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में पत्नी अक्षता मूर्ति के अनुमानित 50 करोड़ पाउंड के इंफोसिस शेयरों को लेकर पारदर्शिता संबंधी कुछ सवालों का सामना करना पड़ सकता है। एक खबर में यह कहा गया है।

अखबार ‘द ऑब्जर्वर’ का दावा है कि विपक्षी दल लेबर पार्टी और व्यापार विशेषज्ञ पूर्ण वित्तीय प्रभाव पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि अक्षता के पिता नारायण मूर्ति द्वारा सह-स्थापित बेंगलुरु से संचालित सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी इंफोसिस को ऐसे किसी भी व्यापार समझौते से लाभ होगा। भारत और ब्रिटेन एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं और इस संबंध में वार्ता 12वें दौर में है।

सुनक अगले महीने जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। लेबर पार्टी के सांसद और हाउस ऑफ कॉमन्स बिजनेस एंड ट्रेड सलेक्ट कमेटी के अध्यक्ष डैरेन जोन्स ने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री को हाल में पता चला, यह जरूरी है कि वह किसी भी हित की उचित घोषणा करें। मुझे उम्मीद है कि वह भारत व्यापार समझौते के संबंध में भी ऐसा करेंगे। यह कमेटी एफटीए वार्ता की समीक्षा कर रही है। 

इस सप्ताह की शुरुआत में, ब्रिटेन की संसदीय निगरानी संस्था ने एक जांच की अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि सुनक अनजाने में कंपनी कोरू किड्स में अपनी पत्नी के शेयरों की सही घोषणा करने में विफल रहे थे, जो सरकार की बजट नीति से लाभान्वित होने वाली थी। ब्रिटिश भारतीय नेता सुनक (43) ने ‘‘भ्रम के कारण’’ अनजाने में उल्लंघन के लिए माफी मांगी और मामला बंद कर दिया गया। ‘ऑब्जर्वर’ की खबर के अनुसार, इंफोसिस वीजा व्यवस्था में बदलाव के माध्यम से अपने हजारों अनुबंध कर्मचारियों के लिए ब्रिटेन तक पहुंच में सुधार करना चाहती है।

 सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसे क्षेत्रों में अपने कर्मचारियों के लिए अधिक वीजा की अनुमति देना ‘‘वार्ता में प्रमुख भारतीय मांग होने का दावा किया गया है। इंफोसिस का ब्रिटिश सरकार के साथ-साथ कई ब्रिटेन की कंपनियों के साथ अनुबंध है। अखबार का दावा है कि विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने संभावित सौदे से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए आगामी महीनों में भारत की यात्रा आयोजित करने के खिलाफ बिजनेस एंड ट्रेड सेलेक्ट कमेटी को आगाह किया है। कमेटी के अध्यक्ष जोन्स ने अखबार को बताया, सरकार ने कमेटी को सलाह दी थी कि संवेदनशील व्यापार वार्ता के बजाय अगले साल भारत का दौरा करना बेहतर होगा।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जघन्य हत्याओं के दोषियों के लिए उम्रकैद को बनाएंगे  अनिवार्य 
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की योजना देश में सख्त नए कानून लाने की है, जिसका मतलब होगा कि जघन्य हत्याओं के दोषियों को जीवन भर जेल में रहना पड़ेगा। ऐसे मामलों में दोषियों को पैरोल पर, या जल्द रिहा करने पर विचार किए जाने की कोई संभावना नहीं होगी।

सुनक (43) ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ‘‘जीवन का अर्थ जीवन है’’ और न्यायाधीशों को सबसे बर्बर प्रकार की हत्या करने वाले अपराधियों को अनिवार्य उम्रकैद का आदेश देने की आवश्यकता होगी। नया कानून कुछ सीमित परिस्थितियों को छोड़कर, न्यायाधीशों से उम्रकैद का आदेश देने की कानूनी अपेक्षा रखेगा। सुनक ने कहा, ‘‘मैंने हाल में सामने आए अपराधों की क्रूरता पर जनता के भय को साझा किया है। लोग सही ही अपेक्षा करते हैं कि सबसे गंभीर मामलों में, इस बात की गारंटी होनी चाहिए कि जीवन का अर्थ जीवन होगा। वे सजा दिए जाने में ईमानदारी की उम्मीद करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे वीभत्स प्रकार की हत्याएं करने वाले जघन्य अपराधियों के लिए उम्रकैद का अनिवार्य आदेश लाकर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे कभी आजाद न हों।’’ यह कदम ऐसे वक्त उठाया जा रहा है, जब कुछ दिन पहले उत्तरी इंग्लैंड के एक अस्पताल में सात नवजात शिशुओं की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद नर्स लुसी लेटबी को उम्रकैद की सजा दी गई थी। ब्रिटेन के वैधानिक प्रावधान मृत्युदंड की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए सबसे कड़ी सजा के रूप में उम्रकैद का प्रावधान है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ ने कहा कि वह घोषित परिवर्तनों के लिए उचित समय पर कानून बनाएगी। ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद अगले महीने संसद का सत्र शुरू होगा। ब्रिटेन के न्याय मंत्री एलेक्स चाक ने कहा, ‘‘जहां हत्या में यौन या परपीड़क व्यवहार शामिल हो, वहां अब हत्यारों के लिए उम्रकैद की उम्मीद की जाएगी। यह महत्वपूर्ण कानून परिवर्तन यह सुनिश्चित करेगा कि सबसे बुरे लोग अब अपना शेष जीवन जेल में बिताएंगे।’’ 

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