बरेली: रेलवे के दावों से उलट, एसी खाली और स्लीपर कोच में वेटिंग

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। रेल प्रशासन की ओर से यात्री सुविधाओं के नाम पर ट्रेनों में स्लीपर कोच कम कर एसी कोच बढ़ाए जा रहे हैं। अफसरों का दावा है कि स्लीपर के मुकाबले एसी कोचों में यात्रियों की संख्या ठीक-ठाक है, मगर रेल प्रशासन के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। ऑनलाइन बुकिंग की स्थिति बिल्कुल उलट है। वहीं, दूसरी जिन ट्रेनों के अंदर स्लीपर कम कर एसी कोच बढ़ाए गए हैं, उनके स्लीपर कोचों की हालत भीड़ के कारण जनरल से भी बदतर हो चुकी है।

अवध असम एक्सप्रेस को पूर्व में आठ एसी कोचों के साथ चलाया जाता था, लेकिन अब इस ट्रेन को 13 एसी कोचों के साथ चलाया जा रहा है। वहीं स्लीपर कोचों की संख्या 10 से 4 कर दी गई है। मुरादाबाद रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह का कहना है कि इन दिनों लोग स्लीपर की तुलना में एसी कोचों में आरक्षण कराने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं, लिहाजा आंकड़ों के आधार पर ट्रेनों में स्लीपर कम कर एसी कोच बढ़ाए गए हैं। उनके मुताबिक इस तरह के फैसले रेलवे बोर्ड के स्तर से लिए जाते हैं, लेकिन रेल प्रशासन के दावों में कितनी हकीकत है, उसे श्रेणीवार एक महीने आगे के ऑनलाइन आरक्षण स्थिति (बुधवार शाम तक) को देखकर समझा जा सकता है।

अवध असम एसी तृतीय में सीटों की उपलब्धता
दिनांक             ऑनलाइन स्थिति
23 सितंबर             21 उपलब्ध
24 सितंबर             30 उपलब्ध
25 सितंबर             24 उपलब्ध
26 सितंबर             34 उपलब्ध
27 सितंबर             45 उपलब्ध

अवध असम स्लीपर कोचों की स्थिति
दिनांक             ऑनलाइन स्थिति
23 सितंबर             17 वेटिंग
24 सितंबर             11 वेटिंग
25 सितंबर             27 वेटिंग
26 सितंबर             20 वेटिंग
27 सितंबर             10 वेटिंग

वेटिंग टिकट यात्रियों से ट्रेन में भीड़
बुधवार को 15910 अवध असम एक्सप्रेस बरेली जंक्शन पर पहुंची तो ट्रेन के स्लीपर कोचों की स्थिति जनरल से भी बदतर नजर आई। स्लीपर कोचों के अंदर ठसाठस यात्री भरे हुए थे। यह स्थिति एक दिन की नहीं बल्कि हर दिन अवध असम के स्लीपर कोच में सफर करने वाले यात्रियों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है। भीड़ के चलते स्लीपर कोचों में टिकट चेक करने में स्टाफ को दिक्कत होती है। बताया जाता है कि बड़ी संख्या में लोग इस ट्रेन के अंदर वेटिंग टिकट लेकर सफर करते हैं।

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