नैनीताल: हाईकोर्ट ने दिए राज्य सरकार, डीएम और एसडीएम को निर्देश - बीडी पांडे अस्पताल परिसर तत्काल कराएं अतिक्रमण मुक्त

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नैनीताल के बी.डी. पांडे अस्पताल परिसर में हुए अतिक्रमण को तत्काल हटवाने के निर्देश जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी को दिए हैं।
 

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में मंगलवार को मल्लीताल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक साह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से अस्पताल की भूमि को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त कराने को कहा है। इससे पहले सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार से अस्पताल क्षेत्र में कब्जे की विस्तृत जानकारी देने को कहा था।

मामले के अनुसार, बी.डी. पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ अशोक साह द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद यहां से छोटी सी जांच के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है जबकि यहां इलाज कराने के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं, लेकिन उनकी शुरुआती जांच कर हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। 

इस मामले की सुनवाई के दौरान अस्पताल की 1.49 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जे होने की जानकारी न्यायालय के संज्ञान में लाई गई थी, जिस पर न्यायालय ने जिलाधिकारी नैनीताल से रिपोर्ट मांगी थी। प्रशासन की रिपोर्ट में अस्पताल की भूमि पर अतिक्रमण होने की पुष्टि हुई है। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने दीपक रुबाली की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अस्पताल परिसर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे, तब प्रशासन द्वारा आंशिक रूप से अतिक्रमण हटाया गया था।

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