लखनऊ: अत्याधुनिक तकनीक से बने कृत्रिम अंग दिव्यांगों के जीवन में ला रहे बदलाव

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। दिव्यांग जनों के जीवन को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसमें हम लोगों को काफी हद तक सफलता भी मिली है। दिव्यांगजन पहले के मुकाबले अब ज्यादा सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।दिव्यांग जनों के जीवन में बदलाव लाने में अहम भूमिका अत्याधुनिक तकनीक से बने कृत्रिम अंगों की भी रही है।

यह कहना है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित पीएमआर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल गुप्ता का। वह रविवार को इंदिरा नगर स्थित एक निजी होटल में दिव्यांगजनों पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आज के दौर में अत्याधुनिक तकनीक से बन रहे कृत्रिम अंग आसानी से उपलब्ध है। साथ ही यह काफी सुविधाजनक भी है। जिससे दिव्यांगजनों का जीवन आसान हो रहा है।

इस अवसर पर केजीएमयू के पूर्व कार्यशाला प्रबंधक व सीनियर आर्थोटिक्स एंड प्रोस्थेटिकस अरविंद कुमार निगम ने कहा कि मौजूदा दौर में अत्याधुनिक तकनीक से कृत्रिम अंग विशेषज्ञों के जरिए बनाए जा रहे हैं। जो उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं जिन्होंने अपने हाथ या पैर किसी बीमारी अथवा दुर्घटना में खो दिए हैं। इस अवसर पर आए दिव्यांगजनों ने भी कृत्रिम अंगों को लेकर अपने अनुभव साझा किये।

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