प्रौद्योगिकियों को सही प्लेटफोर्म पर विश्व के सामने लाने की जरूरत: डा. जितेंद्र सिंह

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि आज विश्व हर क्षेत्र में वैकल्विक उपायों की तलाश कर रहा है, ऐसे में पादप आधारित औषधियां एवं अन्य उत्पाद महत्वपूर्ण विकल्प की भूमिका निभा सकते हैं। सीएसआईआर-एनबीआरआई में आयोजित ‘एक सप्ताह एक प्रयोगशाला’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुये डा. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि हमें अपनी प्रौद्योगिकियों, उत्पादों एवं शोध को सही तरीके से, सही प्लेटफोर्म पर एवं सही ब्रांडिंग के द्वारा विश्व के सामने लाने की जरूरत है।

विभिन्न संस्थानों को आपस में मिलकर काम करने और अपनी उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि वे सोशल मीडिया को जनता के बीच विज्ञान को पहुंचाने के लिए एक माध्यम के रूप से अधिक से अधिक प्रयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि आज पब्लिक एवं प्राइवेट क्षेत्र में विभाजन रेखा लगभग समाप्त हो चुकी है, ऐसे में हमें अब एक साथ मिल कर काम करने की आवश्यकता है ताकि राष्ट्र हित में लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त किया जा सके।

इस अवसर पर उन्होंने सीएसआईआर-एनबीआरआई द्वारा विकसित कमल की नई प्रजाति ‘नमो: 108’को देश को समर्पित किया। संस्थान इस मिशन के अंतर्गत किसानों को बेहतर आजीविका के लिए कमल की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसमें मुख्य रूप से वृहद स्तर पर कमल की ‘नमो: 108’ क़िस्म का गुणन, किसानो में सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन के माध्यम से किसानों में वितरण और कमल से बनने वाले वस्त्र, इत्र और न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों का प्रशिक्षण शामिल हैं।

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