69000 शिक्षक भर्ती: SC आदेश के बाद भी नहीं मिली नियुक्ति, लखनऊ में धरना देने पर मजबूर हुए सैकड़ों अभ्यर्थी
2249 अभ्यर्थियों की मेरिट कटऑफ नहीं हुई निर्धारित
अमृत विचार, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी 69000 शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद से प्रभावित अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। बीते 11 दिनों से सैकड़ों अभ्यर्थी अपनी मांग को लेकर राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में धरना देने पर मजबूर है। लेकिन, अभी तक उनकी मांग को सुनने के लिए मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं आया।
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धरना दे रहे दुर्गेश शुक्ला, रोहित शुक्ला, राम मिश्रा, प्रसून दीक्षित, प्रिया चौधरी समेत अन्य अभ्यर्थियों ने बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 09 नवंबर 2022 को सरकार की अपील को खारिज करते हुए शैक्षिक परिभाषा प्रश्न पर एक अंक देकर मेरिट के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त करने का आदेश दिया था। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 के इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए यह फैसला किया था। लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी 2249 अभ्यार्थियों की मेरिट कटऑफ भी निर्धारित नहीं हुई है।
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अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने 11 जनवरी 2023 से 19 जनवरी 2023 तक ऑनलाइन प्रत्यावेदन प्राप्त किया। इसके बाद 2 मार्च 2023 को 1 अंक के पात्र 2249 अभ्यर्थियों की लिस्ट बेसिक शिक्षा परिषद में भेजी गई। वहीं करीब 6 महीने बीत जाने के बाद भी बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने अभ्यर्थियों की मेरिट कटऑफ निर्धारित नहीं की। ऐसे में नियुक्ति का मामला लंबित है।
अभ्यर्थियों ने आगे कहा कि धरना प्रदर्शन करते हुए हफ्ते भर से ऊपर समय बीत गए लेकिन, शासन ने अभी तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उन्हें जल्द से जल्द नियुक्ति दी जाए। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल से मुलाकात की थी। लेकिन मुलाकात के बाद अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है। ऐसे में प्रदेशभर से आए सैकड़ों अभ्यर्थियों की उम्मीद टूट चुकी है।
बता दें कि नीचे दिए गए प्रश्न के चारों विकल्प गलत पाते हुए हाई कोर्ट ने इसी प्रश्न पर याचियों एक अंक देने का आदेश दिया था। वहीं सरकार ने तीसरे विकल्प को सही माना था।

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