अमृत काल के दौरान लिए गए निर्णय आने वाली सहस्राब्दी को प्रभावित करेंगे: प्रधानमंत्री

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Published By Ashpreet
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 नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ‘अमृत काल’ यानी आजादी की 100वीं वर्षगांठ के सफर के दौरान लिए गए निर्णय और कार्य अगले एक हजार वर्षों को प्रभावित करेंगे।

लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को याद किया और कहा कि भारतीयों के पास आज राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का एक समान अवसर है।

प्रधानमंत्री ने इस कड़ी में महात्मा गांधी, भगत सिंह, राजगुरु, आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती, 16वीं सदी की रानी दुर्गावती और भक्ति काल की कवयित्री मीराबाई का नाम लिया। मोदी ने कहा कि भारत अगले साल 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, ऐसे में देश की सफलता में योगदान देने का इससे बेहतर अवसर नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, आज मैं उन सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं जिन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है, बलिदान दिया है और खुद को समर्पित किया है।

उन्होंने कहा कि भारत ‘गुलाम मानसिकता’ से बाहर निकल चुका है और नए आत्मविश्वास और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, जब हम इतिहास की तरफ नजर करते हैं तो इतिहास में कुछ पल ऐसे आते हैं जो अपनी अमिट छाप छोड़कर जाते है।

और उसका प्रभाव सदियों तक रहता है और कभी-कभी शुरूआत में वो बहुत छोटा लगता है, छोटी सी घटना लगती है लेकिन वो अनेक समस्याओं की जड़ बन जाती है। उन्होंने विस्तार में जाए बिना कहा, हमें याद है 1000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ। एक छोटे से राज्य के छोटे से राजा की पराजय हुयी। लेकिन तब पता तक नहीं था कि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी और हम गुलामी में जकड़ते गए, जो आया लूटता गया, जो जिसका मन चाहा, हम पर आकर सवार हो गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हर भारतीय ने इसमें योगदान दिया और कहा कि देश के लिए काम करने का आज भी ऐसा ही अवसर है।

उन्होंने कहा, हम सौभाग्यशाली हैं कि आजादी के अमृत काल में हैं। इस अमृत काल में हम जो निर्णय लेंगे...हमारे कार्य और बलिदान अगले एक हजार वर्षों के लिए हमारी दिशा तय करेंगे। वह भारत का भाग्य लिखने वाले हैं। उन्होंने कहा, इस कालखंड में होने वाली घटनाएं आगामी एक हजार साल के लिए इसका प्रभाव पैदा करने वाली हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता’ में इसके सभी सपनों को पूरा करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, पूरे विश्‍व में जहां देशों की उम्र ढल रही है, तो भारत ऊर्जावान हो कर यौवन की तरफ बढ़ रहा है।

कितने बड़े गौरव का कालखंड है कि आज 30 साल की कम आयु की जनसंख्‍या दुनिया में सर्वाधिक कहीं है तो ये मेरी भारत मां की गोद में है। उन्होंने कहा कि यह नया भारत है जो आत्मविश्वास से भरा है और अपने संकल्पों को वास्तविकता बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा, इसलिए यह भारत रुकता नहीं है, थकता नहीं है और यह भारत हार नहीं मानता। देश में गरीबी कम होने के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसा होने से मध्‍यम वर्ग की ताकत बहुत बढ़ती है। उन्होंने कहा, आने वाले पांच साल में मोदी की गारंटी है कि देश पहली तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह ले लेगा।

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