अमरोहा : गजरौला के गेस्ट हाउस में छिपे अंग्रेजी हुकूमत के शिकार के किस्से
जंगल में शिकार करने के बाद गजरौला के गेस्ट हाउस में रुकते थे अंग्रेजी अधिकारी, पानी के लिए बनाया था कुआं
(अजय कुमार) अमरोहा/गजरौला, अमृत विचार। नगर में अंग्रेजी हूकुमत का इतिहास आज भी जिंदा है। दरअसल यहां अंग्रेजों द्वारा बनाया गया गेस्ट हाउस की इमारत आज भी खड़ी है। भले ही वह अब खंडहर की स्थिति में है। इस गेस्ट हाउस में अंग्रेजों के शिकार के किस्से छुपे हुए हैं। उन्होंने अपने पीने के पानी के लिए कुआं भी बनाया था, जो आज भी स्थापित है।
गजरौला के कुमराला चौराहे का इतिहास अंग्रेजी शासन काल से जुड़ा है। अंग्रेजों द्वारा बना गेस्ट हाउस व पीने के पानी का कुआं, बुजुर्गों को अंग्रेजी हूकुमत का याद ताजा कर रहा है। बताते हैं कि अंग्रेज अफसरों को शिकार करने का शौक था।
गजरौला से खादर क्षेत्र में जंगलों में अंग्रेज सबसे ज्यादा शिकार करते थे, इसलिए रात को रुकने तथा आराम करने के लिए अंग्रेजों ने गजरौला के कुमराला चौराहे के निकट गेस्ट हाउस बनवाया था।
हालांकि गेस्ट हाउस अब खंडहर हो गया है लेकिन अंग्रेजों के पीने के लिए बनाया गया कुआं अभी तक वैसा ही है। अब उसमें पानी नहीं है। गेस्ट हाउस परिसर में अब वन विभाग का कार्यालय संचालित है। गेस्ट हाउस के अंदर बड़े-बड़े पेड़ हैं। उसमें अंदर जाने के सभी रास्ते बंद हैं। इस गेस्ट हाउस से अंग्रेजों के और भी कई किस्से जुड़े हैं।
घोड़ों की टापों से दहल उठता था इलाका
गजरौला: अंग्रेजों के घोड़ों की टापोंसे इलाका दहल उठता था। बताते हैं कि अंग्रेजों के घोड़ों को देख खेतों पर काम कर रहे किसान भी अपने घर चले जाते थे। कुछ किसानों को अंग्रेज शिकार के समय अपने साथ रखते थे। शिकार में घायल जानवर को किसान ही पकड़कर अंग्रेजों तक पहुंचाते थे। रात होने पर अंग्रेज कुमराला चौराहा के निकट बने गेस्ट हाउस में रुकते थे।
सभी सुविधाओं से लेस था गेस्ट हाउस
गजरौला: अंग्रेजों का यह गेस्ट हाउस सभी सुविधाओं से लेस था। सिपाहियों का हर समय पहरा रहता था। गेस्ट हाउस के चारों तरफ भी सिपाहियों की ड्यूटी रहती थी। गेस्ट हाउस में घोड़ों के साथ रथ भी था। इस रथ का इस्तेमाल अंग्रेजी अफसर अपने घूमने के लिए करते थे।
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