नगा महिलाओं ने की मणिपुर में निर्वस्त्र की गई पीड़िताओं के लिए न्याय की मांग 

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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कोहिमा। नगालैंड में महिला आदिवासी संगठनों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया और मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के दौरान महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने व दुष्कर्म के आरोपियों के लिए कठोर सजा की मांग की।

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 प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर में लोगों की हत्याएं,घरों और धार्मिक स्थलों को जलाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने एवं राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग की। प्रदर्शनकारी महिलाएं बैनर और तख्तियां लिए हुई थीं जिनमें से कुछ पर लिखा था, ‘‘हम महिलाओं को (निर्वस्त्र)घुमाने और सामूहिक दुष्कर्म की निंदा करते हैं’, ‘महिलाओं के अधिकारों के लिए खड़े हों’, ‘हिंसा रोकें और मरहम लगाएं’, ‘ हम मणिपुर में शांति चाहते हैं’, ‘दुष्कर्म दंडात्मक अपराध है’, और, ‘दया नहीं, बलात्कारियों को सूली पर चढ़ाओ’। 

पीएचक्यू चौराहे पर आयोजित प्रदर्शन में नगालैंड की अंगामी, ओ, चाखेसांग, लोथ, पोचुरी, रेंगमा, सीमा और जेलियांग आदिवासी संगठनों की महिलाओं ने हिस्सा लिया और सेंट्रल नगालैंड वुमेन एसोसिएशन (सीएनडब्ल्यूए) ने इसका समर्थन किया। सीएनडब्ल्यूए अध्यक्ष अतोली सीमा ने प्रदर्शन से इतर संवाददातओं से कहा, ‘‘ मोमबत्ती जुलूस या सजा से दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुकेंगी।

बलात्कारियों के लिए कठोर कानून की आवश्यकता हैं, उनको मार देना चाहिए, फांसी पर लटकाना चाहिए या जिंदा जला देना चाहिए। उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए जैसा वे महिलाओं के साथ करते हैं। पूरे देश में दुष्कर्म के अपराध को रोकने के लिए नए और कड़े कानून बनाना चाहिए।’’ 

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