मुरादाबाद: ताबड़तोड़ फायरिंग से ध्वस्त हुआ कानून का इकबाल, बेखौफ अपराधी दे रहे खौफनाक घटनाओं को अंजाम
बेखौफ अपराधी महानगर हो या देहात, वारदात को अंजान में नहीं खा रहे पुलिस का भय, जुलाई के आखिरी सप्ताह से तेजी से बढ़ा रहा जरायम, सुस्ती में मात खा रही पुलिस
मुरादाबाद, अमृत विचार। ताबड़तोड़ फायरिंग कर बाइक सवार तीन हमलावरों ने भाजपा नेता अनुज चौधरी को जिस तरह पार्श्वनाथ प्रतिभा सोसाइटी में घुसकर मारा है, उससे स्पष्ट है कि महानगर ही नहीं बल्कि पूरे जिले में कानून का इकबाल कमजोर है। इधर, पिछले दिनों में अपहरण, रंगदारी से लेकर हत्या तक के कई मामलों ने आमजन में दहशत बढ़ा दी है।
अपराधी सरेराह वारदात को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं। हालांकि घटना के बाद पुलिस ने राजफाश करने के कुछ मामलों में सफलता भी पाई है। लेकिन, बेखौफ अपराधियों की बढ़ती सक्रियता के आगे पुलिस की सफलता खास तवज्जो नहीं रख पा रही है। गोली मारकर हो रही हत्याओं की घटनाओं ने खलबली मचा रखी है। दूसरी ओर पुलिस जहां अपराध को रोकने और उनकी पहचान के लिए सीसी कैमरा लगाने का अभियान छेड़ रखे है, वहीं अक्सर देखने में आ रहा है कि पूर्व से जो कैमरे लगे भी हैं, मौके पर जांच के समय उनमें कई कैमरे निष्क्रिय पाए जा रहे हैं।
भाजपा नेता के भी पिता के पीटने के बाद पुलिस शांत
अगवानपुर में कानून व्यवस्था लगातार लड़खड़ा रही है। आए दिन बवाल हो रहा है। कहीं सड़क पर मांस फेंका जा रहा है तो कहीं मेडिकल स्टोर के अंदर घरकर जानलेवा हमला हो रहा है। वाल्मिकी बस्ती में घर में घुसकर एक परिवार को जमकर पीटा गया। फिर दवा व्यापारी को उसके मेडिकल स्टोर में घुसकर पीटा, गल्ले से रुपये लूट लिए। 27 जुलाई रात 10 बजे अजादार हुसैन को इमामबाड़े के बाहर जमकर पीटा गया। अजादार हुसैन भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला मंत्री फैजी नकवी के पिता है। अजादार ने सिविल लाइन थाने में पांच अगस्त को आरोपी असलम, आजम, सरताज अली, कुमैल के विरुद्ध नामजद केस दर्ज कराया था। 03 अगस्त मंगलवार रात कुरैशियान में मीट विक्रेता खराब मांस को सड़क पर फेंक रहे थे। इंटरनेट पर वीडियो वायरल हुआ तो सिविल लाइन थानाध्यक्ष ने संज्ञान लिया और अगवानपुर चौकी प्रभारी से केस दर्ज कराने को कहा। तब आरोपी मीट विक्रेता सुलेमान, आमिर, कादिर, साहिद और मुख्तार व उसके भाई मुंतजिर, मुनीर, शकील, इंतजार, तनजीम, नाजिम व इसके भाई आजम, मस्कूर व नफी के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट हुई।
भाजपा नेता का अपहरण कर रंगदारी मांगने, मारपीट प्रकरण ठंडा
28 जुलाई : कांठ थाना क्षेत्र में भाजपा किसान मोर्चा के जिला मंत्री वीर सिंह सैनी के साथ हुई घटना का मामला ठंडा हो गया है। आरोपी महावीर और उसका नामजद साथी रामचंद्र फरार हैं। भाजपा नेता वीर सिंह कई दिनों तक रामगंगा बिहार कॉलोनी के गुप्ता नर्सिंग होम में भर्ती रहे। वीर सिंह की आपबीती का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ था। आरोप है कि आरोपी महावीर व उनके अन्य साथियों ने वीर सिंह सैनी का अपहरण कर बंधक बना लिया था। दो लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बिना फिरौती वाली रकम के मौके पर पहुंची वीर सिंह की मां और पत्नी को भी आरोपियों ने मारा था।
केस-1
05 अगस्त : बुद्धि विहार के नवनीत गुप्ता के वैदिक (7) का अपहरण हो गया। अभियुक्तों ने फोन कर 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इस मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाई और अगली सुबह ही मुठभेड़ में दो अभियुक्तों अंकुश शर्मा और शशांक मेहता उर्फ विक्की को दबोच कर वैदिक को सुरक्षित कर लिया था। लेकिन, इनके इस दुस्साहसिक अपहरणकांड से स्पष्ट है कि अंकुश शर्मा और शशांक मेहता उर्फ विक्की में कानून का भय नहीं है।
केस-2
6 अगस्त : महानगर के सबसे व्यस्ततम पीली कोठी चौराहे पर रविवार रात में स्कॉर्पियो सवार हमलावरों ने रेती स्ट्रीट के हिमालया मेडिकोज के दवा व्यापारी दिव्यांश अग्रवाल के सहयोगी सचिन प्रजापति को गोली मार दी गई। घटना के सात दिन बाद भी पुलिस दोनों हमलावरों को पकड़ नहीं सकी है। पुलिस की सुस्ती का ये हाल उस स्थिति में है जब केस दर्ज कराने वाले ने हमलावरों की स्कॉर्पियो कार का नंबर (यूपी-21-सीवी-9990) भी बता रखा है। सचिन का बड़ा भाई अनिल प्रजाति आरोपी के परिवार वाले के दबाव से परेशान है। अनिल का आरोप है कि हमलावरों के परिवार वाले कॉसमॉस अस्पताल में आकर उसे समझौता करने काे परेशान कर रहे हें। फोन कर समझौता न करने की स्थिति में अपने को सत्तारूढ़ दल भाजपा में अपनी बड़ी पहुंच होने और बाहर से ही भांजे की जमानत करा लेने की धमकी दे रहा है।
केस-3
04 अगस्त : छह लाख रुपये की सुपरी लेकर छजलैट क्षेत्र के सदरपुर में बुजुर्ग सूखा सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये बात दीगर है कि घटना के पांच दिन पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर राजफाश कर दिया। लेकिन, इस वारदात से भी साफ हुआ कि अपराधियों में कानून व्यवस्था का भय नहीं है। बुजुर्ग की हत्या में आरोपित तीन अन्य मृतक बुजुर्ग का साढ़ू चंद्रपाल व इसका बेटा पीयूष और विनीत-जितेंद्र का साथी अरुण अभी फरार ही चल रहे हैं।
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