हिमाचल प्रदेश: वायुसेना ने पांच को किया एयरलिफ्ट, खाई में फंसे व्यक्ति का सफल रेस्क्यू

हिमाचल प्रदेश: वायुसेना ने पांच को किया एयरलिफ्ट, खाई में फंसे व्यक्ति का सफल रेस्क्यू

धर्मशाला। हिमाचल सरकार तथा जिला प्रशासन ने बड़ा भंगाल में फंसे पशु पालन विभाग की एक टीम के चार लोगों तथा गहरी खाई में फंसे एक व्यक्ति का वायु सेना की मदद से सफल रेस्क्यू किया है। सभी को उपचार के लिए टांडा अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

यह जानकारी उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने देते हुए बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं के उपचार के लिए गई पशु पालन विभाग की टीम ने सेटलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने तथा पुलियों के निर्माण में लगे व्यक्ति के खाई में गिरने से गंभीर रूप से घायल होने की सूचना प्रशासन को दी।

उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही सरकार ने तत्काल प्रभाव से भारतीय वायु सेना से संपर्क साधा तथा बुधवार सुबह सहारनपुर से वायु सेना के दो चॉपर कांगड़ा एयरपोर्ट से बड़ा भंगाल के लिए रवाना किए गए। उन्होंने बताया कि इस रेस्क्यू आपरेशन में सबको वहां से सुरक्षित कांगड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि इसके पश्चात एयरपोर्ट से सभी को टांडा मेडिकल कालेज में उपचार के लिए भेज दिया गया है।

उन्होंने बताया कि बड़ा भंगाल के रहने वाले 48 वर्षीय हुकम सिंह गांव में अस्थाई लकड़ी के पूल का निर्माण करने के दौरान उससे फिसल कर गिर गए, जिससे उन्हें गंभीर चौटें आईं। डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह से सतर्क है तथा मानसून सीजन में जिला तथा उपमंडल स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम खुले रखे गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन को लेकर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जा सके।

उन्होंने बताया कि गत 18 जुलाई को इंदौरा उपमंडल के घंडारा तथा म्यानी में ब्यास नदी में फंसे लोगों को भारी मशक्कत के साथ रात भर नौ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 55 के करीब लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित निकाला जा चुका है।

रेस्क्यू किए गए पशुपालन विभाग की टीम ने बड़ा भंगाल से एयरलिफ्ट कर गगल पहुंचाने पर आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान हर हिमाचलवासी का ख्याल रखा है इससे पहले भी चंद्रताल लेक तथा अन्य जगहों पर फंसे लोगों को सकुशल सुरक्षित निकाला है।

ये भी पढ़ें - राहुल गांधी ने कहा- आदिवासियों को मिलना चाहिए उनका हक, हिन्दुस्तान के हैं पहले निवासी