Kanpur: सिगरेट, शराब पीने वाले हो जाएं सर्तक, ये आदत आपके शरीर को कर रही खोखला, रोजाना इतने मरीज पहुंचे रहे हैलट

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Published By Nitesh Mishra
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सिगरेट, शराब और फास्ट फूड से बवासीर के रोगी बढ़ रहे।

सिगरेट, शराब और फास्ट फूड से बवासीर के रोगी बढ़ रहे है। कानपुर के हैलट अस्पताल में हर दिन 50 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे। वहीं, ऑपरेशन के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

कानपुर, [विकास कुमार]। अगर आप सिगरेट, शराब व फास्टफूड के शौकीन हैं, तो सतर्क हो जाइए। इसकी आदत आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। हैलट अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, जिन्हें इन चीजों का अत्यधिक सेवन करने के कारण  बवासीर या फिशर की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इलाज में लापरवाही बरतने पर ऐसे मरीजों को शरीर में खून की कमी के साथ ऑपरेशन की नौबत आ रही है। मरीजों को संख्या अधिक होने से उनको सर्जरी कराने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ रहा है। 

हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 50 से अधिक मरीज बवासीर से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। इलाज में लापरवाही व डॉक्टरों की सलाह नहीं मानने पर उनका मर्ज फिशर या फिस्च्युला में बदलने के साथ तत्काल ऑपरेशन की नौबत आ रही है। लेकिन ऑपरेशन के लिए मरीजों को तीन हफ्ते से ज्यादा की वेटिंग मिल रही है। 

चिकित्सकों के मुताबिक अधिक शराब पीने से शरीर में पानी की कमी होती है और पानी की कमी होने पर कब्ज होता है। ऐसे में मरीजों को मल त्याग करने में समस्या आती है। इसी तरह सिगरेट पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाती है। बवासीर के रोगी अगर ध्रूमपान करते हैं, तो उन्हें गुदा से रक्तस्त्राव की समस्या भी होने लगती है। दवा चलने के साथ ही मरीज अगर इन दोनों चीजों का सेवन करता है तो स्थिति और दयनीय हो जाती है। 

फास्ड फूड व मैदा बन रहा मर्ज बढ़ने का बड़ा कारण  

बवासीर की बीमारी में गुदा नलिका में एक प्रकार की दरार आ जाती है। इसके बाद मरीज को लगातार कब्ज रहता है या कठोर मल निकलता है। फिस्चुला की तरह ही यह भी एक दर्दनाक बीमारी है। बवासीर होने पर मल त्याग करना बहुत कठिन हो जाता है। मरीज का दर्द अधिक बढ़ जाता है। ज्यादा तैलीय पदार्थ, फास्ट फूड और मैदे से बनी चीजों को खाने यह बीमारी हो सकती है। मरीज के गुदा में फोड़े हो जाते हैं। जिससे मरीज को उठने या बैठने तक में असहनीय दर्द होता है। मल त्यागने में भी बहुत समस्या आती है और रक्तस्राव होता है। समय पर इसका इलाज कराने पर मरीज को कैंसर होने का भी खतरा रहता है। जो लोग सिगरेट व शराब का ज्यादा सेवन करते हैं, उन्हें भी बवासीर हो सकता है। बचाव के लिए फाइबर युक्त चीजें, ताजे फल व सब्जियां और पानी सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।- प्रो. एसके गौतम, मेडिसिन विभाग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज 
 

अस्पताल में एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की कमी 

अस्पताल में बवासीर के मरीजों की लगातार सर्जरी हो रही है। लेकिन पिछले काफी समय से केस काफी बढ़ गए हैं। अस्पताल में एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की कमी है, इसके साथ ही अन्य मरीजों के भी ऑपरेशन लगे रहते है। इसी कारण से मरीजों को कुछ दिनों के बाद तय तिथि पर बुलाने के बाद सर्जरी की जाती है।- प्राचार्य प्रो. संजय काला, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

 

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