बरेली: टीबी के 10 केसों में एक स्पाइन टीबी का
अस्पतालों में बढ़ रहे हैं स्पाइन टीबी के केस, लगातार पीठ का दर्द इस रोग का प्रमुख लक्षण
बरेली, अमृत विचार। लगातार पीठ, खासतौर पर रीढ़ की हड्डी का दर्द स्पाइन टीबी का लक्षण हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक इलाज के बाद भी अगर राहत न मिले तो टीबी की जांच करानी चाहिए। दरअसल, स्पाइन टीबी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब टीबी के दस मरीजों में से एक में स्पाइन टीबी की पुष्टि हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार लापरवाही से टीबी जानलेवा हद तक खतरनाक हो सकती है।
टीबी का प्रमुख कारण गलत जीवनशैली और खानपान है। अब तक ज्यादातर केस पल्मोनरी यानी फेफड़ों की टीबी के ही होते थे लेकिन अब एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी के केस भी बढ़ने लगे है। स्पाइन टीबी यानी रीढ़ की हड्डी का इस रोग की चपेट में आना भी आम बात हो गई है। सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों में लगातार स्पाइन टीबी के केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
अपाहित कर सकती है स्पाइन टीबी
जिला अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. एएम अग्रवाल के अनुसार रीढ़ की हड्डी में होने वाला टीबी इंटर वर्टिबल डिस्क से शुरू होता है और फिर रीढ़ की हड्डी में फैल जाता है। समय पर इलाज न किया जाए तो यह रोग अपाहिज भी कर सकता है। इसके लक्षण साधारण होते हैं जिसकी वजह से अक्सर लोग इसे नजरअंदाज करते रहते हैं। यह बेपरवाही खतरनाक साबित होती है। समस्या होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
ये हैं लक्षण
पीठ-कमर में अकड़न, स्पाइन प्रभावित क्षेत्र में खासतौर पर रात के समय असहनीय दर्द, रीढ़ की हड्डी में झुकाव आना, पैरों और हाथों में काफी ज्यादा कमजोरी और सुन्नपन, हाथों और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव, मल-मूत्र त्याग करने और सांस लेने में दिक्कत।
- 5513 टीबी के मरीज जनवरी से अब तक किए गए हैं चिह्नित
- 4850 टीबी के मरीजों का इलाज चल रहा है वर्तमान में
- 0735 मरीजों को इनमें से निक्षय मित्रों ने लिया है गोद
टीबी के मरीजों में पोषण की कमी न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार हर महीने उनके खातों में पांच सौ रुपये भेजती है। जिन रोगियों की निश्चय पोर्टल पर आईडी बन गई है, उन्हें किसी भी टीबी के इलाज के साथ दूसरी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है - डा. केसी जोशी, जिला क्षय रोग अधिकारी।
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