बरेली: स्टेडियम में आधुनिक सुविधाओं से लैस स्विमिंग पूल तैयार, अब हो सकेंगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं
कार्यदायी संस्था ने खेल विभाग के किया सुपुर्द, संचालन की तैयारी में जुटा स्टेडियम प्रबंधन
बरेली, अमृत विचार। स्पोर्ट्स स्टेडियम में बना आधुनिक सुविधाओं से लैस स्विमिंग पूल कार्यदायी संस्था ने खेल विभाग के सुपुर्द कर दिया है। अब विभाग कोच और लाइफ गार्ड की तैनाती कराने की मांग खेल निदेशालय से कर रहा है ताकि खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही भविष्य में जिम्मेदारी मिलने पर प्रदेश, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता कराई जा सकें।
स्पोर्ट्स स्टेडियम में साल 2021 में बनने शुरू हुआ यह स्विमिंग पूल 50 मीटर लंबा और 21 मीटर चौड़ा, इसकी अधिकतम गहराई 18 फुट है। अंतरराष्ट्रीय मानक पूरे करने के लिए इसके निर्माण में आईआईटी रुड़की की मदद ली गई। इसका उपयोग ट्रेंड तैराक, तैराकी प्रतियोगिता और डाइविंग के लिए किया जा सकेगा। वाटरप्रूफिंग, फिल्ट्रेशन प्लांट, पाइप लाइन, पवेलियन समेत अन्य काम पूरे होने के बाद जिला स्तरीय खेल समिति ने इसका निरीक्षण किया। निरीक्षण में सभी मानक पूरे मिलने पर इसे खेल विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। स्विमिंग पूल में पवेलियन, रेंलिंग, चेंजिंग रूम, शॉवर रूम, रेस्ट रूम आदि भी तैयार किए गए हैं। खिलाड़ियों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो निर्माण के दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है।
ट्रायल के बाद ही मिलेगा प्रवेश
स्विमिंग पूल में हर किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। केवल वहीं लोग इसमें प्रवेश पाने के हकदार होंगे जो तैराकी जानते होंगे, इसके लिए स्टेडियम प्रबंधन पहले उनका ट्रायल लेगा। ट्रायल में पास होने के बाद ही पूल में प्रवेश करने की इजाजत दी जाएगी। प्रबंधन इसके संचालन की कार्ययोजना तैयार कर रहा है।
संचालन में अड़ंगा बन सकती है कोच और लाइफ गार्ड की कमी
स्पोर्ट्स स्टेडियम प्रबंधन पूल के संचालन की कार्ययोजना बनाने में जुटा है लेकिन उसके पास एक भी कोच नहीं है। लाइफ गार्ड भी महज एक है। मौजूदा समय में स्टेडियम में ही स्थित दूसरे स्विमिंग पूल में करीब 50 लोग तैराकी सीख रहे हैं। चूंकि इस पूल की गहराई करीब चार फुट तक है, जबकि नए बने पूल की गहराई 18 फुट। ऐसे में कोच और लाइफ गार्ड की कमी इसके संचालन में अड़ंगा बन सकती है। स्टेडियम प्रबंधन ने इस बारे में खेल निदेशालय को पत्र लिखा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द यह कमी दूर हो सकती है।
प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में स्विमिंग पूल हैंडओवर हो चुका है। अब कोच और लाइफ गार्ड की तैनाती की खेल निदेशालय से मांग की जा रही है। तैराकी के खिलाड़ियों को लाइफ गार्ड की निगरानी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। खिलाड़ी को इसमें प्रवेश के लिए पहले ट्रायल प्रक्रिया से गुजरना होगा - जितेंद्र यादव, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी।
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