अयोध्या का स्वरूप बदला दिखना चाहिए : मुख्य सचिव
निरीक्षण के बाद अफसरों को चेताया, अगले महीने फिर आऊंगा
अयोध्या, अमृत विचार। डेढ़ महीने के अंदर दूसरी बार अयोध्या पहुंचे मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने यहां चल रहे विकास कार्यों का सघन निरीक्षण किया। रविवार की सुबह सात बजे ही अफसरों की फौज लेकर उतर आए। दोपहर में समीक्षा बैठक में अधिकारियों को चेताया कि मैं अगले महीने फिर आऊंगा। मुझे अयोध्या का स्वरूप अच्छे से अच्छा दिखना चाहिए। इस दौरान उन्होंने रामपथ के फेज-1 (नयाघाट से उदया चौराहा) के कार्य को 31 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। हनुमानगढ़ी और रामलला के समक्ष माथा टेकने के बाद निर्माणाधीन मंदिर का अवलोकन भी किया।
श्रीराम कथा संग्रहालय में अयोध्या विजन 2047 के कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि सभी अधिकारी अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर बनाने के उद्देश्य से कार्य करें। मैं हर माह समीक्षा करूंगा। बैठक में उपस्थित प्रमुख सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी अपने-अपने विभाग के कार्यों को देखने का निर्देश दिया। उन्होंने मलिन बस्तियों के विकास के भी निर्देश दिए। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने मुख्य सचिव के समक्ष बिंदुवार प्रस्तुतीकरण की।
उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव के समक्ष 98 क्रियात्मक परियोजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रथम चरण में रामपथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ आदि की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने नयाघाट से साकेत पेट्रोल पंप के मार्ग को और बेहतर बनाने व अयोध्या कैंट स्टेशन-रामपथ से हनुमानगढ़ी व जन्मभूमि मंदिर तक मार्ग के चौड़ीकरण के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग के अफसरों से कहा अपने हिसाब से कार्यों की समय सीमा में परिवर्तन न करें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चैहान, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, अपर पुलिस महानिदेशक जोन पीयूष मोडिया, आवास आयुक्त रणदीप प्रसाद, मण्डलायुक्त गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नितीश कुमार, एसएसपी राजकरन नैय्यर सहित अयोध्या विजन से जुड़े हुये विभागों के अधिकारी, अभियन्ता आदि उपस्थित थे।
गेस्ट हाउस के निर्माण में प्री कास्ट मैटेरियल को होगा उपयोग
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सुबह सरयू अतिथि गृह परिसर में अशोक का पौधा रोपित कर विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण का शुभारंभ किया। सर्वप्रथम रामकथा पार्क परिसर में प्रस्तावित होटल/गेस्ट हाउस निर्माण के लिए चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। एलएनटी के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि प्री कास्ट मैटेरियल से इस गेस्ट हाउस का निर्माण किया जायेगा। इसे 35 दिनों में ही पूर्ण कर लिया जायेगा। भारत में पहली बार इस प्रकार की बिल्डिंग निर्माण की तकनीकी का प्रयोग किया जाना प्रस्तावित है। चौधरी चरण सिंह घाट पर जेटी निर्माण एवं अयोध्या हाट निर्माण हेतु चयनित स्थलों का निरीक्षण कर गुप्तार घाट के समीप स्थित 70 एकड़ में टेंट सिटी में श्रद्वालुओं/पर्यटकों को उपलब्ध कराये जाने वाले सुविधाओं से अवगत हुये। क्वीन हो मेमोरियल पार्क में क्यूआर कोड लगाने को कहा, जिससे पर्यटक अपने मोबाइल से इसके ऐतिहासिक महत्व की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें। इसकी एक शार्ट फिल्म भी बनायी जाय व पार्क में कोरियन प्लांट भी रोपित करने के निर्देश दिये। भजन संध्या स्थल में रिटेनिंग वाल पर राम आधारित थीम पर पेटिंग कराने तथा परिसर में फूड कोर्ट संचालित करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने राम पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ तथा प्रस्तावित सुग्रीव पथ का स्थलीय निरीक्षण किया। मंदिर निर्माण की जानकारी श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सदस्यों एवं अभियन्ताओं से ली।
निर्माणाधीन पथों समेत अन्य निर्माण कार्यों की समीक्षा की
समीक्षा में रामपथ, भक्ति पथ, रामजन्मभूमि पथ, धर्मपथ के चौड़ीकरण एवं विस्तारीकरण, तीनों मार्गों के फसाड सौंदर्यीकरण, बिल्हरघाट के बन्धा मार्ग के चौड़ीकरण, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग, चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग, सोहावल से नवाबगंज होते हुये विक्रमजोत तक बाईपास रिंग रोड निर्माण, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीन फील्ड टाउनशिप योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, लंबित परियोजनायें, अवध बस स्टैंड के निकट आश्रय गृह निर्माण योजना, अयोध्या के 33 पार्कों का कायाकल्प, मास्टर प्लान 2031 फेस-2, अटल आवासीय विद्यालय, जलकल अमानीगंज में वाहन पार्किंग, टेढ़ीबाजार चौराहा की वाहन पार्किंग, अयोध्या कलेक्टेÑट के निकट स्मार्ट वाहन पार्किंग, स्थापित दुकानदारों के दुकान आवंटन, साकेत सदन, कौशलेश कुंज, नगर निगम के कार्यालय भवन, अयोध्या बाईपास का सौंदर्यीकरण, अयोध्या सीवज ट्रीटमेंट प्लांट, नाका रायबरेली कल्याण मंडप का निर्माण, मुक्ति/बैकुंठ धाम, अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय, अयोध्या में खाद्य औषधि प्रयोगशाला तथा मंडलीय कार्यालय के निर्माण कार्य आदि की गहन समीक्षा की गयी।
ये भी पढ़ें -बहराइच में खतरे के निशान से 7 सेंटीमीटर ऊपर पहुंची घाघरा नदी
