प्रदीप सिंह बाघेला का बड़ा आरोपः बोले- पिछले दो वर्षों से छवि खराब करने की कोशिशों के कारण छोड़ा महासचिव का पद

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Published By Shobhit Singh
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अहमदाबाद। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रदीप सिंह वाघेला ने रविवार को कहा कि उन्होंने पार्टी महासचिव का पद इसलिए छोड़ दिया है, क्योंकि पिछले दो वर्षों से लगातार उनकी छवि खराब करने की कोशिशें की जा रही थीं और वह खुद को पाक साफ साबित करना चाहते हैं। गुजरात में भाजपा के चार महासचिवों में से एक प्रदीप सिंह वाघेला ने निजी कारणों का हवाला देते हुए शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

प्रदीप सिंह वाघेला ने अपने पद से इस्तीफा ऐसे समय में दिया है जब कुछ दिन पहले ही भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख और सांसद सी आर पाटिल के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक पत्र प्रसारित करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा की राज्य इकाई के एक नेता ने शनिवार को बताया था कि सत्तारूढ़ पार्टी के चार महासचिवों में से एक वाघेला ने व्यक्तिगत कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार कर लिया है। 

भाजपा के वडोदरा शहर के महासचिव सुनील सोलंकी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने भी व्यक्तिगत कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वर्ष 2016 से महासचिव का पद संभाल रहे प्रदीप सिंह वाघेला ने दावा किया कि कुछ लोग उनकी छवि खराब करने के इरादे से उनके बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने इस बारे में अधिक विवरण दिए बिना कहा कि ऐसे दो व्यक्ति सलाखों के पीछे हैं और अन्य को जल्द ही गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।

प्रदीप सिंह वाघेला ने बताया कि उन्होंने विशेष रूप से मुझे ऐसे कारण से निशाना बनाया जो स्पष्ट नहीं है। अगर पार्टी मुझे ऐसा करने का निर्देश देगी तो मैं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराऊंगा। मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं चाहता था कि सब कुछ स्पष्ट हो जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आरोपों की जांच निष्पक्ष रूप से हो। वाघेला ने दावा किया कि उन्हें बदनाम करने का यह गिरोह पिछले दो वर्षों से सक्रिय था, जिसमें ये लोग गलत जानकारी एकत्र करते थे और इसे लक्षित प्राप्तकर्ताओं तक प्रसारित करते थे।

उन्होंने कहा कि यह संसद और विधानसभा चुनाव जैसी महत्वपूर्ण घटना से ठीक पहले होगा। वाघेला ने कहा कि जब हाल ही में संपन्न राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले इसी तरह का प्रयास किया गया तो वह सतर्क हो गए और कुछ लोगों की पहचान करने में कामयाब रहे, जो वही लोग थे, जो पहले भी ऐसे प्रयासों के पीछे थे। उन्होंने दावा किया कि इनमें से कुछ लोग गैर-भाजपा सदस्य हैं और कुछ सरकारी अधिकारी हैं।

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