देहरादून: टिहरी में बारिश ने बरपाया कहर, जिंदा दफन हो गई दो जिंदगी, इधर गौरीकुंड में मलबे के ढेर में परिजन ढूंढ रहे अपनों को
देहरादून, अमृत विचार। पहाड़ों पर हो रही वर्षा अब रौद्र रूप धारण करने लगी है। बीते दिवस देर रात टिहरी जिले के मरोड़ा गांव में बीती रात बारिश से मकान की दीवार टूटने से दो बच्चे मलबे में समा गए और दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में मृतक स्नेहा (12) इंटर कॉलेज मरोड़ा में कक्षा 6 में पढ़ती थी और उसका छोटा भाई रणवीर (10) प्राथमिक विद्यालय मरोड़ा में कक्षा चार में पढ़ता था।
बच्चों के पिता प्रवीण दास गांव में खेती-बाड़ी और मजदूरी करते हैं। उनका एक और छोटा बेटा है जो रात को माता पिता के साथ सोया हुआ था जिससे उसकी जान बच गई। मृतक स्नेहा और रणवीर दादा प्रेमदास और दादी गंगा देवी के साथ दूसरे कमरे में सोए हुए थे। तेज बारिश की आवाज सुनकर दादा प्रेमदास बच्चों को जगाने के लिए जैसे ही उठे उसके कुछ देर बाद ही कमरे की दीवार टूट कर दोनों बच्चों के ऊपर गिर गई। इस हादसे से हर कोई स्तब्ध है और पूरे गांव में शोक व्याप्त है।
वहीं दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में हुए हादसे में परिजन मलबे के ढेर में अपनों की तलाश कर रहे हैं। यहां अभी भी 20 लोग लापता हैं। जोशीमठ में भी ग्वाड गांव में बादल फटने से रात को ग्रामीणों को अपने घरों से भागकर दूसरी जगह शरण ली।
उधर गौरीकुंड में डाटपुल के पास हुए भूस्खलन हादसे में आगरा निवासी बबलू का बड़ा भाई और साला भी लापता हो गया। बताया कि घटना के बाद काफी देर तक मोबाइल पर घंटी बजती रही। लेकिन किसी ने नहीं उठाया। दो दिन वे बबलू, मबले के ढेर पर नजर गड़ाए हुए है। आगरा निवासी बबलू गौरीकुंड में दुकान का संचालन कर रहा था। दुकान में उसका भाई व साला भी था। वह घटना के दौरान खाना खाने गया हुआ था। लगभग साढ़े 11.30 बजे टिन के बजने जैसी तेज आवाज के साथ पहाड़ी गिरी और सबकुछ खत्म हो गया। दुकान का नामोनिशान नहीं था।
