ऑपरेशन लोटसः भाजपा और कांग्रेस फिर आमने सामने, चंद्रशेखर बोले- 'सूख जाएंगे BJP नेताओं के गले'

शिमला। भारतीय जनता पार्टी के नेता गाहे-बगाहे ‘ऑपरेशन लोटस’ का सियासी राग छेड़कर कांग्रेस को परेशान करने की कोशिश में लगे ही रहते हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि ऑपरेशन लोटस के लिए भाजपा को कुछ करने की जरूरत ही नहीं है क्योंकि कांग्रेस अपने ही बोझ तले डूब जाएगी।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में क्या चल रहा है? यह हर कोई देख रहा है। इस सरकार के मंत्री अलग-अलग दिशा में चल रहे हैं और कैबिनेट में तालमेल की भारी कमी है। ऐसे में ऑपरेशन लोटस के लिए भारतीय जनता पार्टी को कुछ करने की जरूरत ही नहीं है। इस बीच जिला मंडी के धर्मपुर सीट से विधायक चंद्र शेखर ने ऑपरेशन लोटस पर भाजपा को आड़े हाथों लिया।
विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि यह देवभूमि है और यहां ‘ऑपरेशन लोटस’ की कोई संभावना नहीं है। श्री चंद्रशेखर ने कहा कि अभी तो सत्ता परिवर्तन हुए केवल सात महीने का वक्त बीता है. लोटस करते-करते भाजपा नेताओं के गले सूख जाएंगे, लेकिन कुछ होगा नहीं। उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी हिमाचल से भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही प्रदेश की रीड की हड्डी कहे जाने वाले कर्मचारियों का अधिकार दिया। पूर्व जयराम सरकार हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ पर छोड़कर गई। पिछली सरकार में इच्छाशक्ति का भारी अभाव था। बावजूद इसके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चुनौती स्वीकार कर इसे पार किया।
चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा जो बड़े-बड़े दावे करती है, उसमें जमीन पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। जिन नेशनल हाईवे के दम पर भाजपा आगे बढ़ने की सोच रही है, उन पर आज एफआईआर हो रही है। उन्होंने खुद एनएच कंपनी पर एफआईआर दर्ज करवाई है। नेशनल हाईवे के नाम पर पहाड़ काटकर जमीन पर फेंके जा रहे हैं। आज छह साल का वक्त बीत जाने के बाद भी कालका-शिमला हाईवे पर कोई यात्री सुरक्षित सफर नहीं कर सकता। मन में हमेशा ही असुरक्षा का माहौल बना ही रहता है। सत्ता में आने से पहले दो करोड़ रोजगार के वादे किए गए थे। लोगों से वादा किया गया था कि हवाई चप्पल पहनने वाला हवाई यात्रा कर सकेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आज भी हवाई यात्रा सिर्फ बड़े लोगों के लिए ही है. आम जनता आज भी से महरूम है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं। इनमें कांग्रेस को 40 सीटों पर प्रचंड जीत मिली है, जबकि 25 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पास है। इसके अलावा हमीरपुर से आशीष शर्मा, नालागढ़ से के.एल. ठाकुर और देहरा विधानसभा क्षेत्र से होशियार सिंह निर्दलीय विधायक चुनाव जीते हैं। इन तीनों विधायकों ने ही कांग्रेस को एसोसिएट सदस्य के तौर पर समर्थन दिया है।
ऐसे में कुल 68 विधानसभा वाले सदन में कांग्रेस के पास 43 सीटों के साथ सुरक्षित बहुमत है। बावजूद इसके भाजपा ‘ऑपरेशन लोटस’ की चर्चा को हवा देने में लगी हुई है। इसके पीछे हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में भारी असंतुलन, कैबिनेट मंत्रियों में तालमेल की कथित कमी और नेताओं की नाराजगी को आधार बनाया जा रहा है।
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