रायबरेली: प्रदूषण के बढ़ते स्तर का नतीजा है आई फ्लू, एनजीटी प्रदूषण रोकने को गंभीर
शहर में लगे प्रदूषण के डिवाइस नहीं होते चेक
रायबरेली, अमृत विचार। शहर में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और उस प्रदूषण विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है।हाल यह है कि प्रदूषण मैपिंग के लिए जो डिवाइस लगाए गए हैं उनकी चेकिंग तक नहीं की जाती है। वहीं रिपोर्ट भी अपडेट नहीं होती है। इस समय शहर में कंजंक्टिवाइटिस का जोर है। स्कूलों में बच्चे तक इसकी चपेट में आ गए हैं। वहीं जिन पर प्रदूषण को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी है वह कमरे से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
इन दिनों जिले में आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) का संक्रमण फैल रहा है। हर दिन लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सक प्रदूषण के साथ गर्मी को इसका मुख्य कारण बता रहे हैं। इसके लिए जब शहर में प्रदूषण के यंत्रों की पड़ताल की गई तो प्रदूषण विभाग को ही इसका होश नहीं है। दीवाली के समय एक बार डिवाइसों की चेकिंग की जाती है और फिर पूरे साल कमरे से बाहर ही नहीं निकाला जाता है। सारे गतिविधि कागजों पर ही सिमट कर रह जाती है।
प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी गंभीर है और सरकार ने खुद सिंगल यूज प्लॉस्टिक के उपयोग पर बैन लगा दिया। इसकी निगरानी के लिए प्रदूषण विभाग, नगर निगम के साथ प्रशासन को जिम्मेदारी दी गई लेकिन प्रदूषण विभाग ने कभी भी अभियान चलाने की जरूरत नहीं समझी। पूरी गेंद नगर पालिका के पाले में डाल दी गई है।
नगर पालिका ही अभियान चलाए और वहीं छापामारी भी करे। प्रदूषण विभाग को इससे कोई लेना-दैना नहीं है। शहर में जगह-जगह कूड़ा जलता है लेकिन प्रदूषण विभाग ने कभी भी इस पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। पार्कों पर अतिक्रमण हो गया है और जिम्मदारों ने अतिक्रमण को हटाने की एक पहल नहीं की। इसका नतीजा है कि जो पार्क शुद्ध आबोहवा दे सकते हैं वह बदबू और गंदगी से भरे हैं।
अपने ही एक्शन प्लान पर नहीं चल रहा प्रदूषण विभाग
शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रदूषण विभाग ने एक्शन प्लान बना रखा है लेकिन यह केवल कागज तक ही है। पटल पर कभी बाहर नहीं आ सका। प्रदूषण विभाग के रिकार्ड भी यह बता रहे हैं कि शहर में जमकर प्रदूषण है।
वर्ष 2013
स्थान श्रेणी प्रदूषण का स्तर
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 163.5 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 179.8 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 185.0 यूजी एम 3
वर्ष 2014
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 148.8 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 164.7 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 164.5 यूजी एम 3
वर्ष 2015
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 144.5 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 163.8 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 163.2 यूजी एम 3
वर्ष 2016
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 129.3 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 145.6 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 146.3 यूजी एम 3
वर्ष 2017
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 128.8 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 146.9 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 147.1 यूजी एम 3
वर्ष 2018
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 132.48 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 115.38 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 148.55 यूजी एम 3
वर्ष 2019
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 163.5 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 179.8 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 185.0 यूजी एम 3
वर्ष 2020
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 70.3 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 48.8 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 52.2 यूजी एम 3
वर्ष 2021
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 145.5 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 162.3 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 190.2 यूजी एम 3
वर्ष 2022
टाउन हाल कॉलोनी, गुलाब रोड, अहमद नगर आवासीय 164.5 यूजी एम 3
खोया मंडी तिराहा लखनऊ रोड व्यवसायिक 177.8 यूजी एम 3
अमावां रोड इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक 188.0 यूजी एम 3
इनसेट
रायबरेली में प्रदूषण के मुख्य कारक कण
आवासीय
एनओटू- 14.96 यूजी एम 3, एसओटू- 8.64 यूजी एम 3
व्यवसायिक
एनओटू- 19.91 यूजी एम 3, एसओटू- 14.49 यूजी एम 3
औद्योगिक
एनओटू- 17.22 यूजी एम 3, एसओटू- 10.76 यूजी एम 3
शहर में प्रदूषण अधिक है और साथ ही आई फ्लू को यह और अधिक गति दे रहा है। प्रदूषण कम हो तो आंखों की परेशानी कम होगी। असल में आई फ्लू तो एक सीजनल बीमारी है लेकिन प्रदूषण पूरे साल बना रहता है जिस कारण सांस की बीमारियां भी होती है। कोरोना के कम जब प्रदूषण कम हो गया था तो काफी राहत मिली थी लेकिन उसके बाद से फिर वही स्थिति आ गई है..., डॉ. संतोष सिंह, ईएमओ, जिला अस्पताल।
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