बरेली: रूट डायवर्जन बना मुसीबत, रोडवेज को रोजाना 20 लाख का घाटा

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Published By Vikas Babu
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रूट डायवर्जन और जाम के चलते नहीं पहुंच रहे यात्री

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बरेली, अमृत विचार। सावन में यात्रियों की संख्या कम होने से रोडवेज को हर रोज 20 लाख रुपये का घाटा हो रहा है। रूट डायवर्जन और जाम के चलते कम यात्री ही रोडवेज बस का सफर करना मुनासिब समझ रहे हैं। शुक्रवार से लेकर सोमवार रात तक बस अड्डों पर यात्रियों का टोटा रहता है।

जुलाई में सावन की शुरुआत होने के बाद से ही पुलिस और प्रशासन ने हर सप्ताह शुक्रवार से सोमवार तक का रूट डायवर्जन लागू किया है। इसका असर रोडवेज बसों पर भी पड़ रहा है। रूट डायवर्जन की वजह से पुराने और सेटेलाइट बस अड्डे पर बसों को भरपूर यात्री नहीं मिल रहे है। डायवर्जन होने की वजह से बसे लेट होने से यात्रियों को भी दिक्कतों हो रही है। इससे रोडवेज की आय पर भी असर पड़ा है।

बरेली और रुहेलखंड डिपो की आय एक महीने से करीब 20 लाख रुपये रोजाना कम हुई है। रूट डायवर्जन की वजह से रोडवेज बसों का किराया भी बढ़ाया गया है। वहीं समय भी अधिक लगता है। सोमवार को भी पुराने बस अड्डे पर दिल्ली, रामपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़ और बदायूं की बसें खड़ी थीं। बस चलाने के लिए चालक और परिचालक यात्रियों का इंतजार कर रहे थे। एआरएम संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि सावन में यात्रियों की संख्या कम हुई है। जिससे आय पर भी असर पड़ रहा है।

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