अमेठी : नशा तस्कर चोर रास्ते से कर रहे तस्करी, पुलिस का केवल मुख्य सड़कों पर नाका

अमेठी : नशा तस्कर चोर रास्ते से कर रहे तस्करी, पुलिस का केवल मुख्य सड़कों पर नाका

अमेठी, अमृत विचार । जिले के युवा नशे की दलदल में फंसते जा रहे है। ऐसा नहीं है कि अभिभावकों को इस बारे में पता नहीं है, लेकिन करें तो करें क्या? कुछ युवा नशा छोड़ने के लिए तैयार है, लेकिन व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं है कि वे इस नशे को छोड़ सकें। नशे पर तभी अंकुश लगेगा जब सप्लाई बंद होगी। जिले के युवा नशे में इस कदर डूब गए हैं कि वे अब नशा नहीं मिलने की एवेज में मौत को गले लगा रहे हैं।

पहले केवल गांजा आदि का नशा अधिक होता था, लेकिन अब हेरोइन, स्मैक का नशा सबसे ज्यादा प्रचलित है। दो हजार रुपये में प्रति ग्राम हेरोइन मिल रही है। वहीं पांच से सात सौ रुपये प्रति ग्राम स्मैक। ऐसे में कई नशेड़ी तो एक ही कस में यह नशा कर लेते हैं। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है। नशे के लिए रुपये न मिलने के कारण ये नशेड़ी चोरी व छीना झपटी की वारदात को अंजाम देते हैं।

नशेड़ी सबसे ज्यादा जायस, गौरीगंज, अमेठी, तिलोई, शाहमऊ, बाजार शुक्ल व जगदीशपुर क्षेत्र में हैं। यही कारण है कि अब यहां के नशेड़ी खेतों में लगे ट्यूबवेल की केबल चोरी कर रहे हैं। पिछले एक महीने में 20 से अधिक ट्यूबवेलों से केबल चोरी हो चुकी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लगे बैट्री पैनल को भी नहीं बख्श रहे हैं। कुछ में पुलिस मामला तो दर्ज कर लेती है लेकिन असली अपराधी पकड़े नहीं जा रहे। लेकिन पुलिस कुछ को पकड़ने के बाद नेताओं के दबाव में मुख्य आरोपियों को छोड़ देती है।

पुलिस लगातार अभियान चलाकर तस्करों को पकड़ रही है। पुलिस की संख्या भी इतनी अधिक नहीं है कि हर जगह नाका लगाया जा सके। पुलिस अपने नेटवर्क के सहारे जो सूचना मिलती है उसी के आधार पर कार्रवाई करती है। पहले तस्कर मुख्य सड़कों से नशा सप्लाई करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। एक गांव से दूसरे गांव में आते हैं। ऐसे में कई बार तो गाड़ियों की फेरबदल भी करते हैं, ताकि पुलिस उन्हें पकड़ न पाए। इसी कारण जिले में नशे की तस्करी रुक नहीं पा रही।

तस्कर पुलिस से मिलकर करते हैं तस्करी

सूत्रों की माने तो अधिकतर तस्कर पुलिस से मिलकर ही तस्करी करते हैं। इसके लिए तस्कर बाकायदा उसकी अच्छी खासी कीमत अदा करते हैं। पुलिस के मुखबिर इतने तेज हैं कि बगैर उनकी जानकारी के परिंदा पर भी नहीं मार सकता। हालांकि तस्करों के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए जब आला अधिकारी हुक्म जारी करते हैं तो असल मादक पदार्थ तस्कर को छोड़कर पुलिस नशेड़ियों को पकड़कर कागजी कोरमा पूरा कर लेते हैं।

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