उरई: किशोरी से दुष्कर्म मामले में पति-पत्नी व सगे भाई को हुई सजा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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उरई, जालौन, अमृत विचार। शुक्रवार को न्यायालय से आई खबर में पीड़ित पक्ष को आठ साल बाद न्याय मिला है। उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले दो सगे भाइयों को और उसे दूसरों को बेचने में मदद करने वाली एक की पत्नी को सजा सुनाई गई। भाइयों को 20-20 साल की सजा सुनाई गई। महिला को आठ साल की सजा सुनाई गई। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट अवनीश कुमार ने कारावास की सजा सुनाने के साथ ही अर्थदंड की भी सजा सुनाई है।

जानकारी के मुताबिक शहर के एक मोहल्ला निवासी महिला ने उरई कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मोहल्ले के ही रामकुमार के पुत्र उमेश कुमार और महेश कुमार ने 9 अगस्त 2015 को सुबह पांच बजे उसकी बेटी को अगुवा कर लिया था जब वह शौंच के लिए घर से बाहर जा रही थी। 

किशोरी को दोनों सगे भाई कानपुर ले गए और वहां एक कमरे में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में उमेश की पत्नी संजना ने किशोरी को रामसेवक और अमर सिंह को 80 हजार रुपये में बेच दिया। दो माह बाद पुलिस ने किशोरी को बरामद किया था। विवेचनाधिकारी सतीश कुमार ने विवेचना के बाद तीनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता ब्रजराज सिंह राजपूत ने बताया कि इस मामले में  शुक्रवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह और गवाहों के बयान सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट डॉ. अवनीश कुमार ने सगे भाई उमेश और महेश कुमार को 20-20 साल के कारावास के साथ ही  65-65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

वहीं उमेश की पत्नी संजना को आठ साल के कारावास और 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट की ओर से सजा सुनाई गई तो पीड़ित पक्ष ने आभार जताया और कहा कि न्याय भले ही देर से मिला, लेकिन आरोपी सजा से बच नहीं पाए।

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