बद्रीनाथ मंदिर को लेकर स्वामी प्रसाद का बड़ा बयान, कहा - बौद्ध मठ तोड़कर बनाया गया मंदिर
अमृत विचार, लखनऊ। ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के मामले पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का एक विवादित बयान सामने आया है। गइससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान सामने आया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ज्ञानवापी में सर्वे हो रहा है तो देश के सभी मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बद्रीनाथ समेत भारत के हिंदू मंदिरों को लेकर भी और भी विवादित बयान दिया है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बद्रीनाथ मंदिर पहले बौद्ध मठ था। जिसे बाद में मंदिर बना दिया गया। उन्होंने बताया कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था। इसके बाद आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बना दिया। अगर एएसआई ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर रहा है तो वो जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, उनकी भी जांच होनी चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि वह गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं। इसलिए आज तक उन्होंने इस मुद्दे को नहीं उठाया। वह हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई में विश्वास रखते हैं। आपसी भाईचारे और सौहार्द्र में भरोसा रखते हैं और समाज को बांटने में नहीं बल्कि जोड़ने में यकीन रखते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के बाद एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल उनमें से ज्यादातर मंदिर पहले बौद्ध मठ थे, उन्हें तोड़कर हिंदुओं का तीर्थ स्थल बनाया गया है। अगर गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश की जाएगी तो बात बहुत दूर तक जाएगी। इसलिए 15 अगस्त 1947 तक जो भी स्थिति थी उसे ही मानना चाहिए।
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