नैनीताल: सरकार 10 दिन में गठित करे जेल विकास बोर्ड

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Published By Bhupesh Kanaujia
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दस दिन के भीतर जेल विकास बोर्ड गठित करने के निर्देश दिए हैं। 

 प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरे, रहने की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं के अभाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि, बोर्ड में कारागार मंत्री को अध्यक्ष, मुख्य सचिव उपाध्यक्ष, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव राजस्व, सचिव न्याय, डीजीपी, डीजी जेल सहित राज्य सरकार से दो नामित व्यक्तियों जिसमें से एक महिला को नियुक्त कर कोर्ट को अवगत कराया जाए।

मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि नियत की गई है। सरकार की तरफ से न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि राज्य में कई नई जेल बन रही हैं, जिसमें पिथौरागढ़ जेल का निर्माण पूरा हो गया है। ऊधमसिंह नगर जेल का कार्य 43 प्रतिशत जबकि हल्द्वानी जेल का निर्माण कार्य 55 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जेल में चिकित्सक और मनोवैज्ञानिक को कॉन्ट्रैक्ट बेस पर रखा जाएगा। उच्च न्यायालय ने इस पर जेल निर्माण का कार्य जल्द पूरा करने को कहा है। 
 

मामले के अनुसार, सन्तोष उपाध्याय व अन्य ने अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों से कहा था कि वे अपने राज्य की जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और जेलों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं। राज्य में मानवाधिकार आयोग के पदों को भरने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया कि सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन करे। जेलों में भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।