प्रयागराज : भड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम खान को वॉइज़ सैंपल देने का निर्देश

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में अपनी आवाज का नमूना देने के लिए निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में यह पाया कि जब संबंधित व्यक्ति के पास प्रमाण पत्र हो, तभी उसके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य विचार के योग्य होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निष्कर्ष निकला कि जिला अदालत ने विवादित कैसेट की प्रकृति जाने बिना आरोपी को अपनी आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया, केवल इस आधार पर 29.10.2022 को पारित आदेश को रद्द नहीं किया जा सकता है।

उपरोक्त आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकलपीठ ने पूर्व सपा विधायक आजम खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आरोपी अपनी आवाज का नमूना देने के लिए सहमत है। वह केवल इस बात पर जोर दे रहा है कि इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए। याची द्वारा विशेष न्यायाधीश,एमपी/एमएलए कोर्ट, रामपुर द्वारा 29 अक्टूबर 2022 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई।

उक्त आदेश में याची को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए कहा गया था, जिससे निदेशक एफएसएल, मुरादाबाद ऑडियो कैसेट की आवाज की जांच कर सकें। याची के खिलाफ रामपुर के टांडा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 और एससी/एसटी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

दरअसल प्राथमिकी के अनुसार 7 अगस्त 2007 को याची विधानसभा का सदस्य और समाजवादी पार्टी का नेता था। उसने अपने एक भाषण में अपमानजनक और भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया था, जिससे एक विशेष समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन याची द्वारा किया गया।

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा नायब तहसीलदार गुलाब राय का बयान दर्ज किया गया, जिसने 7 अगस्त 2007 को हुई पूरी घटना की गवाही देते हुए बताया कि याची का अपमानजनक भाषण पूजा कैसेट सेंटर के मालिक संजय ने रिकॉर्ड किया और उसी की सीडी कैसेट संबंधित पुलिस स्टेशन के स्टेशन अधिकारी को सौंप दी गई।

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