गोविंद माथुर, आर.डी. सैनी, पद्मजा शर्मा को मिलेगा अकादमी का सर्वोच्च मीरां पुरस्कार

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Published By Moazzam Beg
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उदयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा प्रांत के साहित्य को प्रोत्साहित, सम्मानित और संवर्धित करने के लिए स्थापित स्वायत्तशासी संस्थान राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर ने वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के बकाया पुरस्कारों की घोषणा की है। 

अकादमी सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि अकादमी अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण की अध्यक्षता में सोमवार को यहां आयोजित बैठक में इन पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसके तहत वर्ष 2019-20 के पुरस्कारों में सर्वोच्च मीरां पुरस्कार जयपुर निवासी गोविंद माथुर की काव्यकृति ‘मुड़ कर देखता है जीवन’ के नाम घोषित हुआ है। 

काव्य विधा का सुधींद्र पुरस्कार जयपुर निवासी भानु भारवि की काव्यकृति ‘रंग अब वो रंग नहीं’, गद्य विधा का रांगेय राघव पुरस्कार गांव पोसानी-सीकर के संदीप मील की कथाकृति ‘कोकिलाशास्त्र’ एवं आलोचना विधा का देवराज उपाध्याय पुरस्कार उदयपुर निवासी सदाशिव श्रोत्रिय की आलोचना कृति ‘कविता का पार्श्व’ को दिया जाएगा। 

विविध विधा का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार अंता-बारा में जन्मे ओम नागर की डायरी ‘निब के चीरे से’ और नाट्य विधा का देवीलाल सामर पुरस्कार जयपुर निवासी नाटककार अशोक राही की कृति ‘विष्णुगुप्त चाणक्य...और रावण मिल गया’ के नाम घोषित हुआ है। प्रथम कृति पर दिया जाने वाला सुमनेश जोशी पुरस्कार जोधपुर निवासी कहानीकार माधव राठौड़ को कृति ‘मार्क्स में मनु ढूंढ़ती’ को तथा बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार सलंबूर निवासी पंकज वीरवाल किशोर को दिया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के पुरस्कारों में मीरां पुरस्कार पिलानी मूल के जयपुर निवासी डॉ. आर.डी. सैनी की गद्यकृति ‘प्रिय ओलिव’ को दिया जाएगा। काव्य विधा का सुधींद्र पुरस्कार बीकानेर निवासी गजलकार गुलाम मोहियूद्दीन माहिर को कृति ‘आतशे-कल्बो-जिगर’, गद्यविधा का रांगेय राघव पुरस्कार उदयपुर निवासी कहानीकार रीना मेनारिया को कृति ‘बनास पार’ एवं आलोचना का देवराज उपाध्याय पुरस्कार लालमादड़ी-नाथद्वारा निवासी आलोचक माधव नागदा को कृति ‘समकालीन हिंदी लघुकथा और आज का यथार्थ’ के नाम घोषित हुआ है। 

बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार जयपुर निवासी पूरन सरमा के बाल-उपन्यास ‘सद्भाव का उजाला’, प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार अजमेर निवासी गजलकार ब्रिजेश माथुर को दिया जाएगा। वहीं विविध विधा का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार जयपुर निवासी उमा को कृति ‘किस्सागोई’ के लिए व देवालाल सामर पुरस्कार जयपुर निवासी नाटककार राजकुमार बुनकर इंद्रेश के नाम घोषित हुआ है। 

इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के पुरस्कारों के तहत सर्वाेच्च मीरां पुरस्कार जोधपुर निवासी डॉ. पद्मजा शर्मा की कृति ‘मोबाइल, पिक और हॉस्टल तथा अन्य कहानियां’ को घोषित हुआ है। गद्य विधा का रांगेय राघव पुरस्कार विकासनगर, डूंगरपुर निवासी कथाकार दिनेश पंचाल को कृति ‘खेत’ के लिए एवं पद्य विधा का सुधींद्र पुरस्कार धन्नासर-हनुमानगढ के जितेंद्र कुमार सोनी को काव्यकृति ‘रेगमाल’ के लिए मिलेगा। 

विविध विधाओं में दिए जाने वाला कन्हैयालाल सहल पुरस्कार सलंबूर निवासी विमला भंडारी को यात्रा-संस्मरणात्मक कृति ‘अध्यात्म का वह दिन’ के लिए और आलोचना क्षेत्र का देवराज उपाध्याय पुरस्कार सिरोही निवासी ओड़िसा प्रवासी दिनेश कुमार माली को कृति ‘त्रेतारू एक सम्यक् मूल्यांकन’ के लिए दिया जाएगा। 

एकांकी-नाटक में दिए जाने वाला देवीलाल सामर पुरस्कार जयपुर निवासी प्रबोध कुमार गोविल को कृति ‘बता मेरा मौतनामा’ के लिए और बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार रायपुर-भीलवाड़ा के बालकथाकार सत्यनारायण व्यास को कृति ‘रोचक बाल कहानियां’ के लिए तथा प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार बारां निवासी गजलकार अश्विनी त्रिपाठी को कृति ‘हाशिये पर आदमी’ के लिए घोषित किया गया है। अकादमी द्वारा इन पुरस्कारों के तहत प्रतीक चिह्न के साथ एक निर्धारित राशि भी सम्मान्य साहित्यकार को दी जाती है। 

अकादमी के मौजूदा प्रावधानों के तहत मीरां पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये, सुधींद्र पुरस्कार, रांगेय राघव पुरस्कार, देवराज उपाध्याय पुरस्कार, कन्हैयालाल सहल पुरस्कार, देवीलाल सामर पुरस्कार, शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार प्रत्येक हेतु 31 हजार रुपये और प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार के लिए 21 हजार रुपये की राशि अर्पित की जाती है। 

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