साइबर क्राइम : अपरिचित से रहें सतर्क, लालच साफ करा देगा बैंक खाता

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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बिजली बिल जमा करने या अन्य एप डाउनलोडिंग में भी शिक्षित लोग हो रहे हैं ऑनलाइन ठगी के शिकार

मुरादाबाद, अमृत विचार। अपरिचित कॉलर से आप बिल्कुल सतर्क रहें, वह आपको ठगने के लिए विभिन्न तरह के लालच देगा। कहीं बता सकता है कि आपकी 25 लाख की लाटरी निकली है तो कहीं कहेगा आप एप डाउनलोड करें और घर बैठे पैसे कमाएं या बिजली बिल आदि का भुगतान करें। इस तरह के लालच देकर जालसाज आपके बैंक खाते को खाली कर सकते हैं। 

मंडी चौके निवासी अनूप बंसल पेशे से अधिवक्ता हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल सितंबर में उनके मोबाइल पर अपरिचित की कॉल आई। उसने बिजली बिल जमा करने का मैसेज किया, जिसे उन्होंने देखा और फिर कॉलर ने एनीडेस्क एप डाउनलोड करने को बोला। उन्होंने कॉलर के द्वारा बताए गए एप को मोबाइल पर इंटरनेट से एनीडेस्क एप डाउनलोड कर लिया।

इसी दौरान उनके बैंक खाते से 2.35 लाख रुपये कट गए। ऑनलाइन ठगी से परेशान होकर उन्होंने साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कराई। कुछ समय बाद उन्हें साइबर सेल टीम ने बताया कि उन्होंने खाते में पैसा होल्ड कर दिया है। लेकिन, उनकी रकम अब तक वापस नहीं हुई। अनूप बंसल कहते हैं कि जालसाजों के लालच में काफी लोग फंस रहे हैं। महिलाएं थोड़े लालच में आकर बैंक खाता नंबर ही नहीं ओटीपी तक अपरिचित कॉलर को बताकर धोखाधड़ी का शिकार हो रही हैं।

लालच के चक्कर में गंवा दिए 3.66 लाख रुपये
चंद्रनगर के आशीष सिंह की पत्नी प्रिंयका सिंह 25 लाख रुपये की लाटरी के लालच में आ गई और आठ बार में बैंक खाते से बड़ी रकम 3.66 लाख रुपये गवां दिए। खाते से ये रुपये 31 अगस्त से 3 सितंबर 2022 के बीच कटे। आशीष को बताया भी नहीं और वह मायके बनारस चली गईं। कुछ दिन बाद जरूरत पड़ी तो आशीष एटीएम पर पैसे निकालने गए, बैलेंस जीरो देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पत्नी को फोन किया तो वह रोने लगी और आपबीती बताई। फिर आशीष ने पुलिस की मदद के लिए पहले कई दिन सिविल लाइंस थाने के चक्कर काटे। एसएसपी के यहां अर्जी लगाई तो उनका नौ सितंबर 2022 को साइबर सेल थाने में केस दर्ज हुआ। लेकिन, अभी तक इनके बैंक खाते में एक रुपये तक वापस नहीं लौटा है। आशीष लाकड़ी में एक्सपोर्ट में काम करते हैं। बताया, बड़ा बेटा 12 साल का है और बेटी 10 साल की। कहा, समझ नहीं आता कि इन बच्चों की परवरिश वह कैसे करेंगे। बड़ी मेहनत और खान-पान, रहन-सहन में कंजूसी कर बचत खाते में जमा की थी।

मिनी बैंक के चक्कर में खाते से कट गए 2.61 लाख
पीलकपुर डिलारी के योगेश चौहान से पिछले साल मई में ऑनलाइन ठगी हुई थी। उनके 2,61,306 रुपये खाते से चोरी हो गए थे। इनका प्रकरण साइबर सेल थाने में दर्ज है। योगेश जन सुविधा केंद्र चलाते थे। ठगी होने के बाद उन्होंने यह केंद्र बंद कर दिया और ऑनलाइन डिजिटल से जरूरतमंदों को सोशल मीडिया यूज के बारे में सीख देते हैं। हेल्थ से संबंधित योजनाओं के बारे में भी जानकारी देते हैं। योगेश ने बताया, उन्होंने मिनी बैंक के लिए गूगल पर ऑनलाइन आवेदन किया था। कुछ समय बाद उनके पास अपरिचित कॉल आई। कॉलर ने योगेश से कहा, वह आरबीआई से बोल रहा है। योगेश ने कॉलर को तवज्जो देते हुए जैसा उसने बताया वैसा ही वह ऑनलाइन प्रोसेस करते गए। नतीजा ये हुआ कि उनका तीन बार में कुल 2,61,306 रुपये खाते से साफ हो गये। योगेश ने बताया कि, एसएसपी कार्यालय से लेकर साइबर सेल थाने तक काफी दौड़भाग की तो केवल 5,000 रुपये वापस खाते में आ पाए थे।

जालसाजी में बैंक खाते से कटने वाला पैसा यदि रिकवर नहीं हो पाता है तो प्रकरण को संबंधित थाने में रेफर कर देते हैं। फिर वहां उसकी छानबीन होती है। इस तरह थाना पुलिस ने कई जालसाजों को पकड़ा भी है और जेल भेजा है। पीड़ित का पैसा जिस खाते में ट्रांसफर होता है, यदि उस खाते में पैसा पड़ा है तो रिकवर होने की संभावना रहती है। लेकिन, यदि पैसा जालसाज अन्य खातों में ट्रांसफर कर चुका है और उस खाते में बैलेंस जीरो है तो पीड़ित के रुपये रिकवर करना मुश्किल हो जाता है। रिकवरी का पैसा बैंकिग के ऑटोमैटिक सिस्टम से संबंधित पीड़ित के खाते में ही आता है।- सुभाष चंद्र गंगवार, नोडल अधिकारी, साइबर सेल

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