छत्तीसगढ़ में कोविड के दौरान लाभार्थियों को अतिरिक्त मात्रा में खाद्यान्न का लाभ नहीं मिला : कैग
रायपुर। भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड रखने वाले 167.32 लाख लाभार्थियों को कोविड-19 महामारी के दौरान अतिरिक्त मात्रा में खाद्यान्न वितरण का लाभ नहीं मिला। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कैग की यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। इस रिपोर्ट में उचित मूल्य की राशन दुकानों के कामकाज में अनियमितताओं को भी उजागर किया गया है।
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कैग की रिपोर्ट कहती है कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान किए गए लॉकडाउन में गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी। इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत शामिल सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह अतिरिक्त पांच किलो मुफ्त चावल दिया जाना था।
एनएफएसए के तहत कवरेज दो श्रेणियों में दिया जाता है- अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत परिवार और प्राथमिकता परिवार (पीएचएच)। यह खाद्यान्न वितरण योजना शुरुआत में अप्रैल से नवंबर 2020 तक आठ महीनों के लिए ही लागू की गई थी। बाद में केंद्र ने इस योजना को अप्रैल 2021 में मई से नवंबर 2021 की अवधि के लिए बढ़ा दिया और फिर इसे मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार पीएमजीकेएवाई शुरू होने के पहले जुलाई 2019 से ही इन प्राथमिकता परिवारों को प्रत्येक राशन कार्ड में व्यक्तियों की संख्या के आधार पर हर महीने रियायती मूल्य पर अतिरिक्त मात्रा में चावल दे रही थी। इस तरह छत्तीसगढ़ में एक व्यक्ति वाले पीएचएच कार्डधारकों को कुल 10 किलोग्राम, दो व्यक्ति वाले को 20 किलोग्राम, तीन से पांच व्यक्ति वाले को 35 किलोग्राम तथा पांच से अधिक व्यक्ति वाले परिवार को सात किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध कराया गया।
कैग रिपोर्ट के मुताबिक, इस अनाज में एनएफएसए के तहत भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से उपलब्ध कराए जाने वाले प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल भी शामिल हैं। रिपोर्ट कहती है कि महामारी काल में पीएमजीकेएवाई शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने अप्रैल 2020 में अतिरिक्त मुफ्त चावल की मात्रा के संदर्भ में एक आदेश जारी किया जिसमें राज्य के पीएचएच लाभार्थियों को प्रदान किए जाने वाले चावल की कुल मात्रा को संशोधित कर दिया गया।
कैग ने कहा, “राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को पहले उपलब्ध कराए गए चावल की अतिरिक्त मात्रा वापस लेने के कारण एनएफएसए और सीजी खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एफएसए) के लाभार्थियों को पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति का अतिरिक्त चावल नहीं मिला।” कैग ने अपने ऑडिट में पाया कि एनएफएसए-पीएचएच राशन कार्डधारक परिवारों के एक से तीन सदस्यों को अतिरिक्त चावल का लाभ नहीं मिला और तीन से अधिक सदस्यों वाले पीएचएच कार्ड धारकों को पांच किलो के बजाय तीन किलो प्रति व्यक्ति की दर से अतिरिक्त चावल की मात्रा से लाभान्वित किया गया।
रिपोर्ट कहती है कि छत्तीसगढ़ में कुल 31.05 लाख एनएफएसए-पीएचएच लाभार्थियों (एक से तीन सदस्य) को उतनी ही मात्रा में चावल उपलब्ध कराया गया जितना उन्हें पीएमजीकेएवाई के कार्यान्वयन से पहले मिलता था। वहीं, 136.27 लाख लाभार्थियों (तीन से अधिक सदस्यों वाले पीएचएच कार्ड) को प्रति माह तीन किलोग्राम अतिरिक्त अनाज दिया गया। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, "इस तरह राज्य में 167.32 लाख एनएफएसए-पीएचएच लाभार्थियों को योजना के तहत अतिरिक्त सहायता का लाभ नहीं मिला।"
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