लखनऊ : समस्या निवारण समिति गठन का निर्देश जारी, संविदाकर्मियों की समस्याओं का होगा जल्द निस्तारण
लखनऊ, अमृत विचार। नेशनल हेल्थ मिशन में संविदा पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। एक बार फिर जिले में समस्या निवारण समिति का गठन किया जायेगा। इसके लिए मिशन निदेशक की तरफ से सभी जिले के डीएम, सीएमओ और मण्डलीय अपर निदेशक को पत्र जारी कर दिये गये हैं। समस्या निवारण समिति (GRC) का गठन हो जाने से संविदाकर्मी किसी प्रकार की समस्या होने पर इस समिति में शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
दरअसल, उत्तर प्रदेश संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ की तरफ से बीते 18 जुलाई को मिशन निदेशक को पत्र लिखकर समस्या निवारण समिति के गठन करने की मांग की थी। जिसके बाद मिशन निदेशक ने पत्र जारी कर अधिकारियों को समिति के गठन के निर्देश दे दिये हैं। जिसके बाद संविदाकर्मियों में खासा उत्साह है। समस्या निवारण समित का गठन साल 2018 में हुआ था, लेकिन उसके बाद यह समिति भंग हो गई थी। एक बार फिर से समिति का निर्माण होने से संविदाकर्मियों को वेतन,अवकाश समेत अन्य समस्याओं के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेगा। समस्या होने पर समिति में शिकायत दर्ज कराने के बाद समस्या का निवारण होने की बात बताई जा रही है। समस्या निवारण समिति में जिले के सीएमओ, जिला प्रशासन के एक अधिकारी और कर्मचारी संगठन के दो प्रतिनिधि शामिल होंगे।
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि समस्या निवारण समिति के गठन के लिए इससे पहले राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, आयुष फार्मासिस्ट संघ,नर्सेज़ संघ,आयुष चिकित्सक एसोसिएशन, कम्युनिटी प्रोसेस संघ, संविदा एलोपैथ फार्मासिस्ट संघ, आल यूपी एसोसिएशन ऑफ सीएचओ, एनएनएम संघ, लैब टेक्नीशियन संघ,लेखा संघ की तरफ से मिशन निदेशक को पत्र लिखे जा चुके थे।
संयुक्त एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अनिल गुप्ता ने बताया कि मण्डल एवं ज़िले स्तर पर अनेको समस्याएं हैं। जिसका हल वही हैं समिति के गठन होने से कर्मचारियों को इससे बहुत राहत मिलेगी। संयुक्त एनएचएम कर्मचारी संघ की प्रदेश संयोजक व टीवी एम्प्लाइज एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष सुनैना अरोड़ा ने कहा कि समस्त कार्यकारणी ज़िला एवं मण्डल स्तर पर एकजुट होकर grc सफल कराएं एवं उसकी कार्यवर्त्ति एवं फ़ोटो संगठन की मेल आईडी पर भेजें । जिस समस्या का समिति में निराकरण ना हो उससे स्टेट को अवगत कराएं। साथ ही मिशन निदेशक को भी अनुरोध किया कि स्टेट की समस्या निवारण समिति पुनः सुचारू रूप से संचालित कराते हुए वेतन विसंगति, दुर्घटना बीमा, स्थान्तरण आदि लम्बित माँगों का निराकरण किया जाए।
आयुष फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं संयुक्त NHM के प्रदेश प्रमुख उपाध्यक्ष अम्मार जाफरी ने कहा कि समस्या निवारण समितित एक प्रकार से अधिकारी एवं कर्मचारी सामंजस्य सूत्र का कार्य करती है। निरंतर GRC होने से कभी असमंजस्य की स्थिति उत्पन्न नही होती है एवं कर्मचारी भी पूरी लगनशीलता से कार्य करते हैं। जनपद स्तर पर छोटी छोटी समस्या का समाधान हो जाने से मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
संविदा एलोपैथ फार्मासिस्ट के अध्यक्ष एवं संयुक्त एनएचएम के सचिव प्रवीण यादव ने कहा कि मण्डल एवं ज़िले स्तर पर समस्या निवारण समिति (GRC) के गठन से कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान हो पायेगा।
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