समग्र शिक्षा अभियान : अयोध्या में पारिवारिक सर्वेक्षण का बुरा हाल

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Published By Jagat Mishra
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छह लाख परिवारों का था लक्ष्य, सर्वेक्षण हुआ सिर्फ 60 फीसदी, 31 मई तक किया जाना था पूरा 

अयोध्या, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक जिले के 40 प्रतिशत परिवारों तक अभी नहीं पहुंच सके हैं। इन परिवारों में विद्यालय जाने योग्य बच्चों का विवरण विभाग को नहीं मिल पाया है। यह हाल तब है जब परिवार सर्वेक्षण की मुहिम स्कूल शिक्षा महानिदेशक की प्राथमिक कार्यों की सूची में है।
  
समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य परियोजना कार्यालय ने जिले के परिवारों का सर्वेक्षण परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों से करवाने का लक्ष्य रखा था। इसके तहत जिले के 5,58,922 परिवारों में मुखिया, सदस्यों की संख्या और परिवार में बच्चों की संख्या का पता लगाकर ऑनलाइन दर्ज करने का लक्ष्य दिया गया था। इस सर्वेक्षण के माध्यम से विभाग स्कूल जाने योग्य बच्चों को चिह्नित करने और विशेष रूप से इनमें से आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिह्नित कर उनका नामांकन पास के परिषदीय विद्यालय में करवाना सुनिश्चित करना था। इसके लिए विभाग ने 31 मई तक का लक्ष्य दिया था पर नियत समय में परिवार सर्वेक्षण का कार्य पूरा नहीं हो पाया। इसके चलते स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने मौखिक निर्देश के माध्यम से परिवार सर्वेक्षण की तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया। 

पूरे जून महीने में बीएसए के स्तर से परिवार सर्वेक्षण बढ़ाने पर जोर दिया गया। इसके बावजूद 13 जुलाई तक 60.58 प्रतिशत परिवारों का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो पाया है। बाकी के 40 प्रतिशत परिवार अभी सर्वेक्षण कार्य से अछूते हैं। इनका सर्वेक्षण 18 दिनों कर पाना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय का कहना है कि इसे लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं। 

सर्वेक्षण में सबसे खराब स्थिति नगरीय क्षेत्रों की 
परिवार सर्वेक्षण में नगरीय क्षेत्रों में सबसे खराब स्थिति नगर क्षेत्र की है। निर्धारित लक्ष्य 17,985 परिवारों में से महज 5.59 प्रतिशत परिवारों का सर्वेक्षण हो पाया है। इसके पीछे नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी बताई जा रही है। सर्वेक्षण में तेजी लाने के लिए विगत दिनों 100 डीएलएड प्रशिक्षुओं सर्वेक्षण में लगाए जाने का निर्णय लिया गया था। प्रति प्रशिक्षु एक दिन में 30 परिवारों का सर्वेक्षण कराने का निर्णय हुआ था। इसके बाद अब उनकी ड्यूटी नहीं लगाई गई।

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