बरेली: राजकीय विद्यालयों में दावों की पढ़ाई, थोक में शिक्षकों के पद खाली

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
On

बरेली, अमृत विचार। राजकीय इंटर कॉलेजों में थोक के हिसाब में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई विद्यालयों में प्रमुख विषयों के ही शिक्षक नहीं हैं। इस वजह से विज्ञान, गणित, हिंदी जैसे विषयों की पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पा रही है।

जिले में 63 राजकीय इंटर कॉलेज हैं। इनमें करीब 8 हजार छात्र पंजीकृत हैं। आंकड़ों के अनुसार राजकीय स्कूलों में कुल 53 पद प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापकों के पद स्वीकृत हैं। इनमें से सिर्फ 33 स्कूलों में ही प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य कार्यरत हैं, जबकि 20 पद रिक्त हैं। सहायक अध्यापक के 460 पद हैं, इनमें से 210 पद लंबे समय से रिक्त हैं। प्रवक्ता के 256 स्वीकृत हैं। इनमें से 153 पद खाली हैं। डीआईओएस कार्यालय से कई बार शिक्षकों की तैनाती के लिए शासन से पत्राचार किया जा चुका है, मगर स्थिति जस की तस है।

शहर के राजकीय विद्यालयों का भी बुरा हाल
शहर के सबसे पुराने राजकीय इंटर कॉलेज में भी शिक्षकों के अभाव है। कॉलेज में गणित के प्रवक्ता के दोनों पद खाली हैं। रसायन विज्ञान की पढ़ाई के लिए भी छात्रों को बाहरी शिक्षक या कोचिंग संस्थानों का रूख करना पड़ रहा है। सामाजिक विषय के लिए भी कोई शिक्षक नहीं। हिंदी के लिए भी सहायक अध्यापक और प्रवक्ता के पद खाली हैं। उधर, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में भी कई शिक्षकों के सेवानिवृत होने के कारण कई अहम विषयों के पद खाली हो गए हैं। जीजीआईसी में जीव विज्ञान, अंग्रेजी और हिंदी सहित कई विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं।

दो नए स्कूलों में नहीं हुआ पद सृजन
वर्तमान शिक्षण सत्र में उमरसिया में नवनिर्मित राजकीय इंटर कॉलेज और पहाड़पुर क्षेत्र में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का संचालन शुरू कर दिया गया है, लेकिन इन कॉलेजों में अभी तक शिक्षकों और प्रधानाचार्य के पदों का सृजन नहीं हो पाया है। कॉलेज शुरू होने के बावजूद छात्रों को सभी विषयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

जिले के राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक, प्रधानाचार्य आदि पदों पर नियुक्ति के लिए कई बार पत्र शासन को भेजा जा चुका है। दोबारा से पत्र भेज कर शिक्षकों की स्थिति से शासन को अवगत कराया जाएगा।-देवकी सिंह, डीआईओएस

कई जरूरी विषयों के शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं या पहले से ही नियुक्त नहीं हैं। हालांकि कॉलेज की ओर से कई बार डीआईओएस को पत्र लिखा गया है, ताकि जरूरी विषयों के शिक्षकों की यहां नियुक्ति की जाए।-कुसुमलता, उप प्रधानाचार्य, जीआईसी

ये भी पढे़ं- बरेली: जान पर खेलकर ट्रेनों में सफर करने को मजबूर यात्री

 

 

संबंधित समाचार