तबाही के मंजर के बीच 65 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली में तबाही के मंजर के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ‘नायक’ के रोल में नजर आए और 65 हजार लोगों को खुद मौत के मुंह से बाहर निकाल लाए।
सुक्खू ने स्वयं प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे बचाव कार्यों की तीन रातें जागकर निगरानी की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए तथा समन्वित प्रयासों से लोगों की सकुशल वापसी सुनिश्चित की।
पैर में दर्द की परवाह किए बगैर मुख्यमंत्री ग्राउंड जीरो पर डटे रहे और मंत्रियों की टीम को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर वहां फंसे लोगों की मदद करने के आवश्यक निर्देश दिए। लोसर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने बचाव कार्यों की समीक्षा की और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी व मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को चंद्रताल के लिए बचाव दल के साथ भेजा। सुबह पांच बजे तक मुख्यमंत्री भी खुद इसकी निगरानी करते रहे।
राजस्व मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव के मार्गदर्शन में बचाव दल के सदस्य बर्फ की चार फीट तक बिछी चादर को हटा कर गाड़ियों को निकालने के लिए काम करते रहे। सुक्खू के निर्देश पर जिला प्रशासन ने लोसर में आपात स्थिति के लिए सभी तैयारियां कर रखी थी। यहां दवाइयों और खाने-पीने की सामग्री प्रदान करने के लिए कैंप लगाया गया था।
सुबह सात बजे पहला दल चंद्रताल से रवाना हुआ और विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए जगत सिंह नेगी और संजय अवस्थी के नेतृत्व में शाम साढ़े छह बजे चंद्रताल में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित काजा पहुंचा दिया गया। सकुशल वापिस पहुंचे कोलकाता के शुब्रतो दास और पुणे की तेजस ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा प्रदेश सरकार का समय पर बड़े पैमाने पर बचाव कार्य आरम्भ करने के लिए धन्यवाद किया, जिससे लोगों की जानें बच पाईं हैं।
उन्होंने कहा कि छह दिन से वह चंद्रताल में भारी बर्फबारी के बीच फंसे थे, लेकिन सरकार ने सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई। उन्हें इस बात की खुशी है कि वह अब घर वापस जा रहे हैं।
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