UP Board News : एनसीईआरटी पुस्तकों को लेकर निर्देश जारी, सस्ते दामों पर होंगी उपलब्ध
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई में उपयोग होने वाली पाठ्यपुस्तकों को लेकर सभी विद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। साथ ही परिषद में पाठयपुस्तकों के मुद्रण और वितरण के लिए तीन मुद्रकों को अधिकृत किया है और सस्ती दर पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण एनसीईआरटी और नॉन एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता कराई जाएगी और इन्हीं पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन कराया जायेगा।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्देशानुसार अब हाईस्कूल इंटरमीडिएट की पुस्तकें सस्ते दामों में मिलेंगी। जिसमें हाई स्कूल स्तर (कक्षा-9 एवं 10) की अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और इण्टरमीडिएट स्तर (कक्षा-11 एवं 12) की अंग्रेजी, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन, लेखाशास्त्र, मनोविज्ञान, गृहविज्ञान समेत कुल 36 विषयों के अन्तर्गत जाने वाली 70 एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों और कक्षा 9 से 12 तक की हिन्दी, संस्कृत एवं उर्दू विषयों की 12 नॉन एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें शामिल है। ये सभी पुस्तकें अब प्रदेश के समस्त राजकीय सहायता प्राप्त एवं वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सस्ते दर में उपलब्ध हो रही है।
इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एनसीईआरटी और नॉन एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की निर्धारित मूल्य सूची जारी की है। साथ ही निर्देशित किया है कि पुस्तकों का कॉपीराइट माध्यमिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश में निहित है। ऐसे में इन पुस्तकों की पाइरेसी / डुप्लीकेसी (piracy / duplicacy) किसी भी दशा में न हो पाए। इसको लेकर परिषद ने विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्देशानुसार अगर जिले में एनसीईआरटी और नॉन एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की अनुपलब्धता या कमी की स्थिति बनती है तो संबंधित अधिकृत मुद्रक या वितरक से संपर्क करके पुस्तकों की उपलब्धता को पूरा किया जाए। इसके अलावा एक निश्चित अवधि तक विद्यालयों में शिविर लगाकर एनसीईआरटी और नॉन एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों को मुहैया कराया जाए। साथ ही इन पुस्तकों के अलावा किसी छात्र से अन्य पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य न किया जाए।
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