लखनऊ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की वर्दी में घूम रहे फर्जी युवक-युवती पकड़े गये
लखनऊ, अमृत विचार। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के फर्जी पहचान पत्र के सहारे चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ के अराइवल सिटी साइड एरिया में सीआईएसएफ के सहायक उपनिरीक्षक पद की वर्दी पहन कर संदिग्ध घूम रहे एक युवक और युवती को सीआईएसएफ जवानों ने धर दबोचा। बाद में जांच पड़ताल के बाद दोनों को सरोजनीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर उनसे पूछताछ कर रही है।
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के उप निरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह के मुताबिक शाम करीब 7:30 बजे सीआईएसएफ के सहायक उप निरीक्षक पद की वर्दी पहन कर एक संदिग्ध व्यक्ति एक लड़की के साथ एयरपोर्ट के अराइवल सिटी साइड एरिया में लेकर घूम रहा था। संदेह होने पर जब सीआईएसफ स्टाफ ने उनसे पूछताछ की, तो पता चला कि दोनों व्यक्ति सीआईएसएफ में कार्यरत नहीं है। आनन फानन इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। इसके बाद हुई पूछताछ में पता चला कि पकड़ा गया युवक गोरखपुर के बनगॉंवा का रहने वाला इंद्रेश मौर्या, जबकि रायबरेली के कुंदनगंज स्थित पहराखेड़ा निवासी युवती सोनी है। दोनों से तलाशी ली गई तो उनके पास सीआईएसएफ का कूट रचित पहचान पत्र और बीसीएएस का टेंपरेरी एयरपोर्ट एंट्री परमिट मिला। बाद में अधिकारियों ने बीसीएएस से कंफर्म किया तो पता चला कि वह सब कूट रचित है। फिलहाल सीआईएसएफ ने दोनों को हिरासत में लेकर सरोजनीनगर पुलिस के हवाले कर दिया। सरोजनीनगर पुलिस सीआईएसएफ उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह की तहरीर पर गुरुवार को रिपोर्ट दर्ज कर दोनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
घर वालों को वीडियो कॉल कर दिखा रहे थे वर्दी
पुलिस पूछताछ में इंद्रेश मौर्य ने बताया कि वह लोगों को अपनी बातों में फंसाकर सीआईएसएफ में नौकरी लगवाने के नाम पर उनके पैसे लेता था। इसके लिए उसने सीआईएसएफ, अडानी एयरपोर्ट और अन्य कई मेल आईडी को गूगल करके उनकी फेक ईमेल आईडी बना रखी है। उसने बताया कि वह फोटो एडिटर एप से लोगों के फोटो व नाम एडिट करके फर्जी जॉइनिंग लेटर बनाकर उन लोगों को फेक ईमेल आईडी से भेज देता था। फर्जी वर्दी के पूछने पर उसने बताया कि यह वर्दी लखनऊ के सदर बाजार से खरीदी थी और लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचकर अपने घर वालों को वीडियो कॉल कर वर्दी दिखा रहा था। जिससे उन्हें विश्वास हो जाए कि वह सीआइएसएफ में नौकरी कर रहा है। पूछताछ में बताया कि सोनी भी उसके काम में सहयोग करती थी। उसका बनाया ही टेंपरेरी पास उसके पास था।
पूछताछ में इंद्रेश ने बताया कि सीआईएसएफ जवान के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए सीआईएसफ के नेट के माध्यम से आईडी कार्ड का प्रोफार्मा देखकर उसने कूटरचित आईडी कार्ड बनाया था। फिलहाल पुलिस ने इंद्रेश मौर्य और सोनी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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