70 साल की उम्र में शुरू की वकालत की पढ़ाई, पिता की तरह बनना चाहती हैं एडवोकेट

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Published By Jagat Mishra
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वीरेंद्र पांडेय/ लखनऊ, अमृत विचार। अक्सर एक कहावत सुनने को मिलती है कि पढ़ने- लिखने की कोई उम्र नहीं होती है। इस बात को सच कर रही हैं 70 साल की रीता सिन्हा। लखनऊ की रहने वाली रीता सिन्हा बक्शी का तालाब (बीकेटी) स्थित एक निजी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। इस बात की जानकारी समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है।

अनुराग भदौरिया रीता सिन्हा से बात करते हुये वीडियो में दिखाई भी पड़ते हैं। वीडियो में बातचीत के दौरात रीता सिन्हा बताती है कि पढ़ने या फिर किसी काम को शुरू करने के लिए कोई उम्र नहीं होती है, बशर्ते आप ईमानदारी से उस काम को करना चाहते हों। रीता सिन्हा साफ तौर पर कहती हैं कि सच्चे मन से कोई कार्य शुरू किया जाये तो वह पूरा होता है। इस वीडियों में अनुराग भदौरिया उनसे पूछते नजर आते हैं कि इस उम्र में आप ने एलएलबी करने का कैसे बिचार किया। जिस पर वह कहती हैं कि उनके पिता बहुत ही अच्छे अधिवक्ता थे। वह भी अपने पिता की तरह ही अधिवक्ता बनना चाहती हैं।

अनुराग भदौरिया के साथ बातचीत के दौरान रीता सिन्हा बताती हैं कि इस लॉ कॉलेज में टीचर भी उनसे कम उम्र के हैं। लेकिन जिस तरह टीचर का सहयोग और बेहतरीन शिक्षा यहां मिल रही है, वह एलएलबी कर एलएलएम भी करेंगी।

समाजवादी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने अमृत विचार के साथ हुई बातचीत के दौरान बताया है कि वह एक लॉ कालेज के कार्यक्रम में गये थे। वहां बातचीत के दौरान एक 70 वर्षीय महिला के ऊपर मेरी नजर गई जो स्टूडेंट्स के साथ बातचीत कर रही थीं। उनके बारे में जानकारी की तो पता चला कि वह उस कॉलेज की छात्रा हैं। जिसके बाद मन में उनसे बात करने की उत्सुकता जागी। जब उनसे बात की तो उन्होंने अपना नाम रीता सिन्हा बताया। बातचीत में रीता सिन्हा ने बताया कि वह फस्ट सेमेस्टर पास कर चुकी हैं और दूसरे समेस्टर की पढ़ाई कर रही हैं। अनुराग भदौरिया आगे बताते हैं कि रीता सिन्हा जी से बातचीत के दौरान पढ़ाई को लेकर उनका उत्साह देखते ही बन रहा था। रीता सिन्हा ने पहले समेस्टर की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की है। रीता सिन्हा एलएलबी करके अपने पिता जैसा अच्छा वकील बनना चाहती है।

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