हल्द्वानी: 60 के दशक में बने फिल्टर प्लांटों का आज तक नहीं हो पाया आधुनिकीकरण

हल्द्वानी: 60 के दशक में बने फिल्टर प्लांटों का आज तक नहीं हो पाया आधुनिकीकरण

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर में वर्तमान में 5 फिल्टर प्लांट हैं जिसमें एक शीतलाहाट तथा चार प्लांट शीशमहल में स्थित हैं। शीतलाहाट फिल्टर प्लांट की क्षमता 3.5 एमएलडी तथा शीशमहल स्थित सभी प्लांटों की कुल क्षमता 34.5 एमएलडी है। 50 साल से अधिक पुराने इन फिल्टर प्लांट का आज तक आधुनिकीकरण नहीं किया गया है। 

तीन साल पहले शीतलाहाट और शीशमहल फिल्टर प्लांट में  शोधन की अत्याधुनिक मशीनें  लगनी थी और इसके बाद शीशमहल फिल्टर प्लांट में भी काम होना था। इस प्रोजेक्ट पर जल संस्थान को कार्य करना था लेकिन यह प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हो पाया।

पूर्व में जनसंख्या कम होने के कारण शीतलाहाट प्लांट से पानी की पर्याप्त हो आपूर्ति  जाती थी। शीतलाहाट फिल्टर प्लांट सबसे पुराना फिल्टर प्लांट है। इसका निर्माण 1962 में हुआ है। इस प्लांट से वर्तमान में लगभग 20 हजार की आबादी को पानी की आपूर्ति होती है। पूर्व में हल्द्वानी इसी प्लांट पर निर्भर था लेकिन शहर की जनसंख्या बढ़ने के साथ ही पानी की जरूरत भी बढ़ते गई।


पानी साफ करने की प्रक्रिया
सबसे पहले जलश्रोत से रॉ वॉटर गंदगीयुक्त पानी मिलेगा,  फिर रॉ वॉटर को इकट्ठा किया जाएगा,  इसके बाद पानी में एयरेशन किया जाएगा। अगले चरण में कोयगुलेंट ( गंदगी को जमा कर देने वाला केमिकल ) डालकर भारी गंदगी को नीचे बैठने दिया जाएगा।  इसके बाद पानी को फिल्टर मीडिया से पास किया जाता है और अंत में केमिकल डोजिंग की जाती है। 
फिल्टर प्लांट के इंचार्ज सहायक अभियंता नीरज तिवारी ने बताया कि मास (बड़े स्तर के) प्रोडक्शन में फिल्टर मीडिया के रूप में रैपिड सैंड (मोटी सैंड) का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्लो सैंड फिल्टर मीडिया के इस्तेमाल से पानी अधिक साफ होता है लेकिन इसमें पानी छनने में समय भी ज्यादा लगता है। 


1962 में बना है शीतलाहाट का फिल्टर प्लांट
शीतलाहाट का फिल्टर प्लांट 1962 में बना है जबकि शीशमहल स्थित 4 फिल्टर प्लांट 1965-1999 की अवधि में बने हैं। इसमें सबसे पहला प्लांट 1965, इसके बाद दूसरा 1975, तीसरा 1984 जबकि 1999 के बाद कोई प्लांट नहीं बना है। 


102 करोड़ रुपये से होगा फिल्टर प्लांट का आधुनिकीकरण और नए प्लांट का निर्माण
जमरानी बांध परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित योजनाओं में पेयजल निगम 704 करोड़ रुपये से पेयजल लाइन, टैंक तथा फिल्टर प्लांट बनाएगा। इसमें दो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट ( फिल्टर प्लांट ) का आधुनिकीकरण और एक नए प्लांट का निर्माण होना है।

जिसमें शीतलाहाट और शीशमहल प्लांट का आधुनिकीकरण तथा दमुवाढुंगा में एक नए प्लांट का निर्माण होना है। पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता एके कटारिया ने बताया कि  इसके लिए 102 करोड़ रुपये की डीपीआर प्रस्तावित है।

इस प्रोजेक्ट में शीतलाहाट प्लांट की वर्तमान क्षमता 3.5 एमएलडी से बढ़ाकर 6.5 एमएलडी की जाएगी।  शीशमहल प्लांट में विभिन्न प्रस्तावित जोनों के अनुसार पानी का विस्तार होने पर क्षमता 30 एमएलडी होगी। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट की डीपीआर अध्ययन के लिए आईआईटी रूड़की भेजी गई है। पेयजल निगम के अधिकारी कुछ दिनों पूर्व आईआईटी रूड़की गए थे और इससे पूर्व आईआईटी की टीम ने भी कार्यस्थल का दौरा किया था।