पुणे पुलिस आयुक्त ने सात पुलिसकर्मियों को किया निलंबित, लापरवाही बरतने के आरोप 

पुणे पुलिस आयुक्त ने सात पुलिसकर्मियों को किया निलंबित, लापरवाही बरतने के आरोप 

पुणे। महाराष्ट्र में पूणे पुलिस आयुक्त रितेश कुमार ने सहकार नगर पुलिस थाने में असामाजिक तत्वों द्वारा वाहनों में तोड़फोड़ की दो घटनाओं के संबंध में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। श्री कुमार ने गुरुवार रात इस आशय का आदेश जारी किया।

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निलंबित किए गए सात पुलिस अधिकारियों में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सावलाराम सालगांवकर, निरीक्षक (अपराध) मनोज एकनाथ शेंडगे, सहायक पुलिस निरीक्षक समीर विट्ठल शेंडे, उप-निरीक्षक हसन मकबूल मुलानी और मारुति गोविंद वाघमारे, और कांस्टेबल संदीप जयराम पोटकुले और विनायक दत्तात्रेय जांभले शामिल हैं।

लिस आयुक्त ने निलंबन आदेश में कहा कि यह सहकारनगर पुलिस थाना क्षेत्र में बार-बार वाहनों की तोड़फोड़ के बाद ड्यूटी में लापरवाही के कारण यह घटना घटी। गाड़ियों में तोड़फोड़ की रिपोर्ट के मुताबिक दो दिन पहले अरण्येश्वर में करीब 15 लोगों ने झगड़ा कर कई गाड़ियों, दो दुकानों और एक ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की थी।

उन्होंने कहा कि चालू माह में तलजई वसाहट में 26 दोपहिया वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया गया था, लेकिन संबंधित पुलिस थाने के अधिकारी अपने क्षेत्रों में वाहनों की बार-बार होने वाली तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने में विफल रहे हैं। इसके अलावा जब पीड़ितों ने अपने वाहन को क्षतिग्रस्त स्थिति में पाए जाने के बाद पुलिस थाने में संपर्क किया तो सहकारनगर पुलिस ने शिकायत भी दर्ज नहीं की थी।

पुणे पुलिस के इतिहास में पुलिस आयुक्त ने एक साथ सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का साहसिक फैसला लिया। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी अपराध) अमोल जेंडे द्वारा इन दोनों घटनाओं पर की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट श्री कुमार को सौंपे जाने के बाद निलंबन आदेश जारी किया गया।

डीसीपी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी, अपराध पर्यवेक्षक अधिकारी और अन्य पुलिसकर्मियों ने नागरिकों द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, जिससे जनता के बीच पुलिस बल की छवि खराब हुई है।

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