पीलीभीत: साहब, जिम्मेदार के संरक्षण में बाबू कर रहा भ्रष्टाचार..आखिर किस पर लगे गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला
पीलीभीत, अमृत विचार। जिला पंचायती राज विभाग के एक लिपिक पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाते हुए कमिश्नर और डीएम से शिकायत की गई। जिसमें एक जिम्मेदार का संरक्षण होने की भी बात कही गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने सीडीओ को पूरे मामले की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है। इस शिकायत के बाद विकास भवन में खलबली मची रही।
बीसलपुर के मोहल्ला दुर्गाप्रसाद निवासी अंजू वर्मा के नाम से की गई इस शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि एक लिपिक पिछले दो दशक से तैनात है। उस पर एक जिम्मेदार का संरक्षण होने की वजह से झूठी शिकायत कराकर ग्राम पंचायतों से वसूली करने के आरोप लगाए। प्रधान और सचिवों से भी दबाव बनाकर वसूली करने की बात कही गई। ऑडिट के नाम पर भी वसूली करने के आरोप लगाए।
शिकायतकर्ता का कहना है कि विकास कार्य को भेजी जाने वाली धनराशि में भी कमीशन से पहले काम नहीं होने दिया जाता है। यह भी आरोप लगाया कि करीब 20 ग्राम पंचायतों में जांच पत्रावलियां भी दोषियों को बचाने के लिए एक साल से अधिक समय से लंबित डाल रखी है। यह मांग की गई कि उक्त बाबू को पीलीभीत से हटाकर मंडल स्तर पर संबद्ध कर निष्पक्ष जांच कराई जाए। उधर, इस शिकायत के बाद विकास भवन में कर्मियों के बीच चली आ रही खींचतान भी तेज हो गई है। जिससे मामला पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। डीएम ने प्रकरण को लेकर सीडीओ को निर्देशित किया।
मामला संज्ञान में आया है। इसकी उच्चाधिकारियों से मुझे मिली है। शिकायतकर्ता से एफिडेविट और साक्ष्य मांगे गए हैं। ताकि लगाए गए आरोपों की सत्यता का पता लगाया जा सके। जांच में जो भी सामने आएगा, उसी आधार पर आगे कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।- धर्मेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ
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