हल्द्वानी: सोशल मीडिया पर एसटीएच बदनाम, निशाने पर सरकारी डॉक्टर

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Published By Bhupesh Kanaujia
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लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के प्रयास कर रही है और दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सक गरीब मरीजों को कमीशन के चक्कर में लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं।

इस सिस्टम से खफा होकर एक युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर अपना दर्द बयां किया है। उसने एसटीएच में तैनात सरकारी चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाए और इस वीडियो को 1 दिन में 4 हजार से ज्यादा लोगों ने देख लिया।  
 

'लव माय यूके' नामक यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो में मोहित बिष्ट ने कुमाऊं के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल पर निशाना साधते हुए यहां तैनात एक न्यूरो सर्जन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मोहित ने वीडियो में कहा कि उसके पिता पहाड़ से गिर गए थे। उनके शरीर में काफी चोटें आई थीं।

पहले उन्हें हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में दिखाया गया। सिर में दर्द होने पर सिटी स्कैन कराया तो चिकित्सक ने न्यूरो सर्जन को दिखाने को कहा। इस पर पिता को लेकर मुखानी स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सक ने आपॅरेशन करने की बात कही। खर्चा अधिक होने पर वह पिता को लेकर 14 अप्रैल को सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए।
 

यहां न्यूरो सर्जन ने तुरंत ऑपेरशन की बात कही और खून का इंतजाम करने को कहा। साथ ही सामान की लंबी चौड़ी लिस्ट थमा दी और सारा सामान मुखानी स्थित एक मेडिकल स्टोर से लाने को कहा। आरोप है कि चिकित्सक ने 15 अप्रैल को दोबारा ऑपरेशन के लिए कहा और फिर उसी मेडिकल स्टोर से सामान मंगाया। सामान को लाने में उसके 60 से 70 हजार रुपये खर्च हो गए। इसके बाद 16-17 अप्रैल को फिर ऑपरेशन की बात कही। काफी दिन तक पिता का अस्पताल में इलाज चलता रहा और आखिर में 2 मई को उनका निधन हो गया। मोहित ने कहा कि चिकित्सक ने आपॅरेशन के सामान के साथ-साथ उससे दवाएं भी बाहर से मंगाई। 

आयुष्मान लगाने से किया इंकार
अपलोड वीडियो में मोहित ने न्यूरो सर्जन पर आरोप लगाया कि जब उसने चिकित्सक से पिता के इलाज के दौरान आयुष्मान कार्ड लगाने को कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया। पिता के इलाज के दौरान चिकित्सक ने एक छोटे कागज में लिखवाया कि 'हम बाहर से दवाएं अपनी मर्जी से लेकर आ रहे हैं' हस्ताक्षर कर कागज अपने पास रख लिया। 

स्वास्थ्य विभाग के अधीन है उक्त न्यूरो सर्जन
यूट्यूब पर मोहित बिष्ट ने जिस न्यूरो सर्जन पर गंभीर आरोप लगाए हैं वह नैनीताल जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधीन हैं। वह सप्ताह में 2 दिन सुशीला तिवारी अस्पताल तथा 4 दिन सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में ओपीडी करते हैं। बताया जाता है कि उक्त न्यूरो सर्जन को मेडिकल कॉलेज कैंपस में आवास भी मिला है।


आपने मामले की जानकारी दी है। इसकी जांच कराई जाएगी। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
 डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ नैनीताल


न्यूरो सर्जन पर हमारा कंट्रोल नहीं हैं। वह सीएमओ नैनीताल के अधीन हैं। अगर अस्पताल में ऐसा हुआ है तो इसका पता किया जाएगा।
डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी

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